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भगोड़ा अमृतपाल सिंह मामला : सिर्फ धार्मिक भावना से अमृतपाल सिंह का अनुसरण करने वाले लोगों को रिहा करेगी पंंजाब पुलिस

चंडीगढ़। पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह के मामले में उन लोगों को रिहा करेगी जो सिर्फ धार्मिक भावनाओं के आधार पर उससे जुड़े थे। इनोसेंट लोगों को पुलिस ने रिहा करने का फैसला लिया गया है। न्यूनतम भूमिका वाले लोगों को भी पुलिस रिहा करने जा रही है।
पंजाब पुलिस के एडीजीपी कानून व्यवस्था ने बताया कि पुलिस ने उन व्यक्तियों को रिहा करने का फैसला किया है जिनकी न्यूनतम भूमिका है या वे सिर्फ धार्मिक भावनाओं पर अमृतपाल सिंह का अनुसरण कर रहे थे।
उधर, गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा है कि वारिस पंजाब दे के चीफ एवं खालिस्तान समर्थक अमृतपालसिंह को पकड़ने में पंजाब सरकार गंभीर नहीं है। हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस को सूचना दे दी थी, लेकिन पंजाब से शाहाबाद पहुंचने में पंजाब पुलिस ने डेढ़ दिन लगा दिया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि पंजाब में अधिकारी भगोड़े(अमृतपाल सिंह) को पकड़ने के लिए अभियान चला रहे हैं। हम विदेशों में लोगों से आग्रह करेंगे कि सोशल मीडिया पर कुछ तत्वों द्वारा प्रसारित गलत और प्रेरित बयानों से बचें।
उन्होंने कहा-हमने लंदन में हमारे उच्चायोग के बाहर जो कुछ हुआ, उस पर प्रासंगिक एजेंसियों के साथ घटना की रिपोर्ट साझा की है। अब यह कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर निर्भर है कि वे इसके बारे में क्या कर सकते हैं:
पंजाब पुलिस के एडीजीपी कानून व्यवस्था ने बताया कि पुलिस ने उन व्यक्तियों को रिहा करने का फैसला किया है जिनकी न्यूनतम भूमिका है या वे सिर्फ धार्मिक भावनाओं पर अमृतपाल सिंह का अनुसरण कर रहे थे।
उधर, गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा है कि वारिस पंजाब दे के चीफ एवं खालिस्तान समर्थक अमृतपालसिंह को पकड़ने में पंजाब सरकार गंभीर नहीं है। हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस को सूचना दे दी थी, लेकिन पंजाब से शाहाबाद पहुंचने में पंजाब पुलिस ने डेढ़ दिन लगा दिया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि पंजाब में अधिकारी भगोड़े(अमृतपाल सिंह) को पकड़ने के लिए अभियान चला रहे हैं। हम विदेशों में लोगों से आग्रह करेंगे कि सोशल मीडिया पर कुछ तत्वों द्वारा प्रसारित गलत और प्रेरित बयानों से बचें।
उन्होंने कहा-हमने लंदन में हमारे उच्चायोग के बाहर जो कुछ हुआ, उस पर प्रासंगिक एजेंसियों के साथ घटना की रिपोर्ट साझा की है। अब यह कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर निर्भर है कि वे इसके बारे में क्या कर सकते हैं:
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