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सरकारी योजना का लालच देकर फर्जी अकाउंट खुलवाने वाले चार अभियुक्त गिरफ्तार, 80 सन्दिग्ध बैंक खातों में करीब 2.73 करोड़ रुपए की राशि कराई फ्रिज

प्रतापगढ़। जिले की साइबर टीम द्वारा सरकारी योजनाओं के पैसे मिलने का झांसा देकर फर्जी अकाउंट खुलवाने वाले चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर खुलवाए गए खातों का डेबिट फ्रीज कर 2 करोड़ 72 लाख 96 हजार 622 की संदिग्ध राशि होल्ड करवाई है। अभियुक्तों से 20 से ज्यादा डेबिट और क्रेडिट कार्ड जप्त किए गए हैं।
एसपी अमित कुमार ने बताया कि आरोपी संजय मालवीय पुत्र राधेश्याम निवासी रठांजना, शुभम अहिवासी पुत्र देवेन्द्र निवासी भाटपुरा, रूद्राक्ष त्रिवेदी पुत्र विधाधर निवासी बाहुबली कॉलोनी प्रतापगढ तथा अमन सोनी पुत्र प्रवीण कुमार निवासी रतलाम जिला रतलाम मध्यप्रदेश को गिरफ्तार किया गया है। इनके बारे में परिवादी ने साइबर सेल में रिपोर्ट दी थी। परिवादी को सरकारी योजना का लालच देकर खाता खुलाने के साथ उसके नाम से सिम कार्ड भी जारी करवाएं गये। बैंक कर्मचारी द्वारा परिवादी को उसके खातों से ज्यादा ट्रांजैक्शन होने के बारे में बताने पर साइबर सेल को रिपोर्ट दी गई। इस पर थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया।
जांच के लिए सीओ मनीष बडगूजर के निर्देशन में एसएचओ रविंद्र सिंह, डीएसटी प्रभारी नरेंद्र सिंह एवं साइबर सेल की एक विशेष टीम गठित की गई। साइबर टीम ने त्वरित कार्रवाई कर इन खातों को संदिग्ध मानते हुए डेबिट फ्रीज करवाया गया। इन खातों से जुड़े 80 खातों की पहचान की गई जिनमें सन्दिग्ध राशि ट्रांसफर की गई है।
सीओ बडगुजर ने बताया कि सन्दिग्ध खातों के विश्लेषण में पाया गया कि यह रकम आईपीएल सट्टे और अन्य संदिग्ध कार्यों से जमा की गई है। इन खातों पर अन्य राज्यों में भी पूर्व में ठगी संबंधित शिकायते हुई है। इन सभी खातों का डेबिट फ्रीज करवा कर अभी तक करीब 2.73 करोड रुपए की संदिग्ध रकम होल्ड करवा मामले की सूचना ईडी को दी गई है। मामले में साइबर सेल में कॉन्स्टेबल पूजा, ऋतुराज और महावीर की विशेष भूमिका रही।
एसपी अमित कुमार ने बताया कि आरोपी संजय मालवीय पुत्र राधेश्याम निवासी रठांजना, शुभम अहिवासी पुत्र देवेन्द्र निवासी भाटपुरा, रूद्राक्ष त्रिवेदी पुत्र विधाधर निवासी बाहुबली कॉलोनी प्रतापगढ तथा अमन सोनी पुत्र प्रवीण कुमार निवासी रतलाम जिला रतलाम मध्यप्रदेश को गिरफ्तार किया गया है। इनके बारे में परिवादी ने साइबर सेल में रिपोर्ट दी थी। परिवादी को सरकारी योजना का लालच देकर खाता खुलाने के साथ उसके नाम से सिम कार्ड भी जारी करवाएं गये। बैंक कर्मचारी द्वारा परिवादी को उसके खातों से ज्यादा ट्रांजैक्शन होने के बारे में बताने पर साइबर सेल को रिपोर्ट दी गई। इस पर थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया।
जांच के लिए सीओ मनीष बडगूजर के निर्देशन में एसएचओ रविंद्र सिंह, डीएसटी प्रभारी नरेंद्र सिंह एवं साइबर सेल की एक विशेष टीम गठित की गई। साइबर टीम ने त्वरित कार्रवाई कर इन खातों को संदिग्ध मानते हुए डेबिट फ्रीज करवाया गया। इन खातों से जुड़े 80 खातों की पहचान की गई जिनमें सन्दिग्ध राशि ट्रांसफर की गई है।
सीओ बडगुजर ने बताया कि सन्दिग्ध खातों के विश्लेषण में पाया गया कि यह रकम आईपीएल सट्टे और अन्य संदिग्ध कार्यों से जमा की गई है। इन खातों पर अन्य राज्यों में भी पूर्व में ठगी संबंधित शिकायते हुई है। इन सभी खातों का डेबिट फ्रीज करवा कर अभी तक करीब 2.73 करोड रुपए की संदिग्ध रकम होल्ड करवा मामले की सूचना ईडी को दी गई है। मामले में साइबर सेल में कॉन्स्टेबल पूजा, ऋतुराज और महावीर की विशेष भूमिका रही।
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