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पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा का निधन : भील प्रदेश के समर्थक और आदिवासी नेता छोड़ गए आखिरी सांस

1980 में, जब भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ, नंदलाल मीणा मुंबई अधिवेशन में उपस्थित रहे और पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल होकर आदिवासी बहुल इलाकों में बीजेपी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई।
वे कुल सात बार विधायक, एक बार सांसद और तीन बार राजस्थान सरकार में मंत्री रहे। वसुंधरा राजे के दोनों कार्यकाल में उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला। मंत्री रहते हुए उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में हॉस्टल, एनीकट, सिंचाई योजनाएं और सड़क निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
विशेष रूप से नंदलाल मीणा 2016 में भील प्रदेश की मांग के समर्थन में आगे आए। उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे के लिए उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़े तो वे तैयार हैं। यह उनका आदिवासी अधिकारों और क्षेत्रीय विकास के प्रति समर्पण दर्शाता है।
राजनीतिक दृष्टि से उन्हें गुलाबी कुर्ता पहनने वाले नेता के तौर पर याद किया जाएगा, जो पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी सहयोगी रहे। 2018 में तबीयत खराब होने के कारण उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली और उनके बेटे हेमंत मीणा को बीजेपी ने टिकट दिया। 2023 के विधानसभा चुनाव में हेमंत ने जीत हासिल कर राजस्व मंत्री बने।
नंदलाल मीणा का निधन राजस्थान की राजनीति और आदिवासी समुदाय के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके योगदान और आदिवासी अधिकारों के लिए उनका संघर्ष हमेशा याद किया जाएगा।
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