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पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा का निधन : भील प्रदेश के समर्थक और आदिवासी नेता छोड़ गए आखिरी सांस

khaskhabar.com: शनिवार, 27 सितम्बर 2025 5:37 PM (IST)
पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा का निधन : भील प्रदेश के समर्थक और आदिवासी नेता छोड़ गए आखिरी सांस
प्रतापगढ़। राजस्थान और भील समुदाय के लिए एक युग का अंत हो गया है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व जनजातीय कैबिनेट मंत्री नंदलाल मीणा का लंबी बीमारी के बाद 80 साल की उम्र में निधन हो गया। अहमदाबाद के अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके बेटे हेमंत मीणा वर्तमान में राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। नंदलाल मीणा का जन्म 25 जनवरी 1946 को प्रतापगढ़ जिले के अम्बामाता के खेड़ा गांव में हुआ। उनके पिता किशनलाल और माता देवीबाई थीं। शिक्षा में भी उन्होंने अपना नाम बनाया और मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय, उदयपुर से बी.ए. और एल.एल.बी. की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद खेती-बाड़ी के साथ-साथ उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक जीवन में सक्रिय भागीदारी शुरू की। 20 जून 1968 को उनकी शादी सुमित्रा देवी से हुई, और उनके परिवार में एक पुत्र और पांच पुत्रियां हैं। राजनीतिक सफर की शुरुआत 1972 में लसाड़िया विधानसभा से पहले चुनाव लड़कर हुई, हालांकि वह जीत नहीं सके। लेकिन 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर उदयपुर ग्रामीण सीट से विधायक बनकर उन्होंने अपनी पहचान बनाई। उनके चुनाव प्रचार में तब के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चंद्रशेखर भी प्रतापगढ़ आए।
1980 में, जब भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ, नंदलाल मीणा मुंबई अधिवेशन में उपस्थित रहे और पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल होकर आदिवासी बहुल इलाकों में बीजेपी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई।
वे कुल सात बार विधायक, एक बार सांसद और तीन बार राजस्थान सरकार में मंत्री रहे। वसुंधरा राजे के दोनों कार्यकाल में उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला। मंत्री रहते हुए उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में हॉस्टल, एनीकट, सिंचाई योजनाएं और सड़क निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
विशेष रूप से नंदलाल मीणा 2016 में भील प्रदेश की मांग के समर्थन में आगे आए। उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे के लिए उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़े तो वे तैयार हैं। यह उनका आदिवासी अधिकारों और क्षेत्रीय विकास के प्रति समर्पण दर्शाता है।
राजनीतिक दृष्टि से उन्हें गुलाबी कुर्ता पहनने वाले नेता के तौर पर याद किया जाएगा, जो पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी सहयोगी रहे। 2018 में तबीयत खराब होने के कारण उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली और उनके बेटे हेमंत मीणा को बीजेपी ने टिकट दिया। 2023 के विधानसभा चुनाव में हेमंत ने जीत हासिल कर राजस्व मंत्री बने।
नंदलाल मीणा का निधन राजस्थान की राजनीति और आदिवासी समुदाय के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके योगदान और आदिवासी अधिकारों के लिए उनका संघर्ष हमेशा याद किया जाएगा।

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