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अमित शाह के लिए नकारात्मक मतलब सकारात्मक, उनकी वेबसाइट करती है इसका खुलासा
नई दिल्ली। मीडिया का फोकस जहां केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ओर बना हुआ है, शाह के कार्यालय की कार्यशैली में बमुश्किल ही कोई बदलाव हुआ है। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के कार्यालय की तरह, गृह मंत्रालय का कार्यालय भी अब 24 घंटे काम करता है।
शाह हमेशा की तरह अपने दिन की शुरुआत अखबारों को पढऩे के साथ करते हैं। इस दौरान वह अपने मंत्रालय से संबंधित खबरों को पहले खंगालते हैं। एक बात जो बहुत कम लोगों को मालूम है कि शाह न केवल उनके खिलाफ छपी खबर को पढ़ते हैं बल्कि ऐसी न्यूज क्लीपिंग को अपनी निजी वेबसाइट अमितशाह डॉट को डॉट इन पर अपलोड भी करते हैं।
उनके एक करीबी सहयोगी इसे स्पष्टता के साथ बताते हैं, ‘‘अमित भाई निंदक नियरे रखिए में विश्वास करते हैं। यही वजह है कि वह अपने खिलाफ नकारात्मक खबर को भी अपनी खुद की वेबसाइट पर अपलोड करते हैं।’’
अमित शाह के लिए आलोचनात्मक खबरों को उनकी वेबसाइट में अपलोड करना नया कार्य नहीं है। उदाहरण के लिए एक हिंदी चैनल के डिजिटल मंच पर प्रकाशित एक सामग्री उनके वेबसाइट पर उपलब्ध है, ‘हिटलर की तरह संविधान बदल देंगे मोदी और शाह।’
चुनाव के दौरान जब कांग्रेस नेता राज बब्बर ने अमित शाह को गैंगस्टर कहा था तो भाजपा अध्यक्ष ने इस आपत्तिजनक बयान को भी अपनी वेबसाइट पर डाला था।
दीन दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित भाजपा मुख्यालय के एक पार्टी पदाधिकारी ने कहा, ‘‘पिछले साल, वेबसाइट पर एक समाचार सामग्री अपलोड की गई थी, जिसका शीर्षक था ‘अमित शाह विनिंग टच खोते जा रहे हैं, भाजपा को नई रणनीति की जरूरत।’ मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रेस का एक धड़ा अमित शाह के प्रति काफी आलोचनात्मक हो गया था। अमित भाई ने हालांकि विशाल हृदय से अपनी आलोचनाओं को स्वीकार किया, उन्होंने अपने अभियान को चलाने के लिए प्रेरणादायी भावना नहीं छोड़ी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विपक्षी दल अमित शाह को घमंडी व्यक्ति की तरह पेश करतें हैं। हालांकि यह सच्चाई से कोसों दूर है। वह अनुशासित हैं, घमंडी नहीं। वास्तव में वह स्वभाव से काफी सरल हैं। आप यह जानकार आश्चर्यचकित हो सकते हैं कि वह लक्जरी पांच सितारा होटलों के बदले एक सामान्य गेस्ट हाऊस में रहना पसंद करते हैं।’’
केंद्रीय गृहमंत्री के रूप में प्रभार संभालने के बाद, पार्टी दफ्तर के लोगों को यह महसूस होने लगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद देश के दूसरे सबसे बड़े ताकतवर हस्ती बन जाने के बाद उनसे संपर्क करना मुश्किल होगा। हालांकि पार्टी के सह-कार्यकर्ताओं से संपर्क के मामले में उनके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
शाह के करीबी माने जाने वाले उत्तर प्रदेश के एक पूर्व विधायक ने कहा, ‘‘वह हम सभी को नाम से जानते हैं। अमितभाई अपनी कोई अलग मंडली बनाने में विश्वास नहीं करते हैं। वह अपने साथ काम करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की वास्तविक संभावनाओं का उपयोग करते हैं।’’
शाह हमेशा की तरह अपने दिन की शुरुआत अखबारों को पढऩे के साथ करते हैं। इस दौरान वह अपने मंत्रालय से संबंधित खबरों को पहले खंगालते हैं। एक बात जो बहुत कम लोगों को मालूम है कि शाह न केवल उनके खिलाफ छपी खबर को पढ़ते हैं बल्कि ऐसी न्यूज क्लीपिंग को अपनी निजी वेबसाइट अमितशाह डॉट को डॉट इन पर अपलोड भी करते हैं।
उनके एक करीबी सहयोगी इसे स्पष्टता के साथ बताते हैं, ‘‘अमित भाई निंदक नियरे रखिए में विश्वास करते हैं। यही वजह है कि वह अपने खिलाफ नकारात्मक खबर को भी अपनी खुद की वेबसाइट पर अपलोड करते हैं।’’
अमित शाह के लिए आलोचनात्मक खबरों को उनकी वेबसाइट में अपलोड करना नया कार्य नहीं है। उदाहरण के लिए एक हिंदी चैनल के डिजिटल मंच पर प्रकाशित एक सामग्री उनके वेबसाइट पर उपलब्ध है, ‘हिटलर की तरह संविधान बदल देंगे मोदी और शाह।’
चुनाव के दौरान जब कांग्रेस नेता राज बब्बर ने अमित शाह को गैंगस्टर कहा था तो भाजपा अध्यक्ष ने इस आपत्तिजनक बयान को भी अपनी वेबसाइट पर डाला था।
दीन दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित भाजपा मुख्यालय के एक पार्टी पदाधिकारी ने कहा, ‘‘पिछले साल, वेबसाइट पर एक समाचार सामग्री अपलोड की गई थी, जिसका शीर्षक था ‘अमित शाह विनिंग टच खोते जा रहे हैं, भाजपा को नई रणनीति की जरूरत।’ मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रेस का एक धड़ा अमित शाह के प्रति काफी आलोचनात्मक हो गया था। अमित भाई ने हालांकि विशाल हृदय से अपनी आलोचनाओं को स्वीकार किया, उन्होंने अपने अभियान को चलाने के लिए प्रेरणादायी भावना नहीं छोड़ी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विपक्षी दल अमित शाह को घमंडी व्यक्ति की तरह पेश करतें हैं। हालांकि यह सच्चाई से कोसों दूर है। वह अनुशासित हैं, घमंडी नहीं। वास्तव में वह स्वभाव से काफी सरल हैं। आप यह जानकार आश्चर्यचकित हो सकते हैं कि वह लक्जरी पांच सितारा होटलों के बदले एक सामान्य गेस्ट हाऊस में रहना पसंद करते हैं।’’
केंद्रीय गृहमंत्री के रूप में प्रभार संभालने के बाद, पार्टी दफ्तर के लोगों को यह महसूस होने लगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद देश के दूसरे सबसे बड़े ताकतवर हस्ती बन जाने के बाद उनसे संपर्क करना मुश्किल होगा। हालांकि पार्टी के सह-कार्यकर्ताओं से संपर्क के मामले में उनके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
शाह के करीबी माने जाने वाले उत्तर प्रदेश के एक पूर्व विधायक ने कहा, ‘‘वह हम सभी को नाम से जानते हैं। अमितभाई अपनी कोई अलग मंडली बनाने में विश्वास नहीं करते हैं। वह अपने साथ काम करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की वास्तविक संभावनाओं का उपयोग करते हैं।’’
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