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पुराने वाहनों की विदाई, हरियाणा की नई स्क्रैप नीति 2024 का पूरा विश्लेषण

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने बताया कि नीति का मुख्य फोकस पुराने वाहनों के पुर्जों को रि-साइक्लिंग के माध्यम से दोबारा उपयोग में लाना है। यह कदम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में NGT द्वारा पुराने डीजल वाहनों (10 वर्ष) और पेट्रोल वाहनों (15 वर्ष) की सीमा तय करने के बाद बढ़ रही कंडम वाहनों की संख्या को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
नीति के लाभ : पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक मजबूती
यह नीति हरियाणा में स्क्रैपिंग और रि-साइक्लिंग इकाइयों की स्थापना को बढ़ावा देगी। इससे राज्य में कई फायदे होंगे:
1. पर्यावरण संरक्षण :
पुराने वाहनों के पुर्जों को रि-साइक्लिंग से पर्यावरण प्रदूषण में कमी आएगी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2022 में वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण का हिस्सा कुल वायु प्रदूषण का 20% था।
स्क्रैपिंग से इन वाहनों से निकलने वाले हानिकारक गैस उत्सर्जन को रोका जा सकेगा।
2. आर्थिक लाभ :
पुर्जों को रि-साइक्लिंग के माध्यम से दोबारा उपयोग में लाने से संसाधनों की बचत होगी।
वाहन मालिकों को स्क्रैपिंग के बदले आर्थिक लाभ मिलेगा।
3.सार्वजनिक स्थलों की सफाई :
सड़कों और गलियों में पार्क किए गए कंडम वाहनों से निजात मिलेगी, जिससे सार्वजनिक स्थलों का उपयोग बेहतर होगा।
हरियाणा सरकार की प्रोत्साहन योजनाएं
नीति के तहत हरियाणा सरकार स्क्रैपिंग और रि-साइक्लिंग उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए निम्नलिखित कदम उठाएगी:
1. उद्योग को दर्जा:
स्क्रैपिंग और रि-साइक्लिंग इकाइयों को औद्योगिक दर्जा दिया जाएगा।
नई इकाइयों को पूंजी अनुदान और राज्य GST में प्रतिपूर्ति मिलेगी।
2. लंबी अवधि की लीज:
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, हरियाणा राज्य औद्योगिक और अवसंरचना विभाग (HSIIDC) के माध्यम से 10 वर्षों की लीज पर भूमि उपलब्ध कराएगा।
3. वित्तीय सहायता:
स्टार्टअप्स, महिला उद्यमियों और अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को उद्यम पूंजी निधि स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।
20 करोड़ रुपये तक की सहायता अवसंरचना विकास के लिए उपलब्ध होगी।
डी ब्लॉक श्रेणी के औद्योगिक क्षेत्रों में 100% स्टांप ड्यूटी की प्रतिपूर्ति होगी, जबकि बी और सी श्रेणी के ब्लॉक्स में यह 75% तक होगी।
4. अनुदान और कौशल विकास:
उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए परियोजना लागत का 50% तक का अनुदान (अधिकतम 5 करोड़ रुपये) दिया जाएगा।
10 ऐसे उद्योग जो राज्य के युवाओं को रोजगार और कौशल विकास में मदद करेंगे, उन्हें 50 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा।
क्यों है यह कदम जरूरी?
हरियाणा में पुराने वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
SIAM (Society of Indian Automobile Manufacturers) के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में भारत में करीब 28 मिलियन वाहन ऐसे थे, जो 15 वर्षों से अधिक पुराने थे।
हरियाणा जैसे राज्यों में कंडम वाहनों का सही तरीके से प्रबंधन नहीं होने के कारण पर्यावरण और सार्वजनिक स्थल दोनों प्रभावित हो रहे थे।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के दिशा-निर्देशों और पर्यावरणीय दबाव को देखते हुए इस नीति को लागू करना जरूरी था।
नीति से संभावित परिवर्तन
1. राज्य में रोजगार के अवसर:
स्क्रैपिंग और रि-साइक्लिंग इकाइयों से हजारों नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
युवाओं को कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण मिलेगा।
2. स्वच्छ हरियाणा अभियान में योगदान:
सड़कों और सार्वजनिक स्थलों से कंडम वाहनों को हटाकर हरियाणा को स्वच्छ बनाया जा सकेगा।
3. हरियाणा की अर्थव्यवस्था में सुधार:
राज्य को औद्योगिक क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद मिलेगी।
हरियाणा सरकार की वाहन स्क्रैपिंग एवं रि-साइक्लिंग नीति 2024 पर्यावरणीय और आर्थिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल कंडम वाहनों की समस्या का समाधान होगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
सरकार के इस कदम से हरियाणा न केवल देश में पर्यावरणीय सुधार की दिशा में अग्रणी बनेगा, बल्कि युवाओं और उद्यमियों के लिए नए अवसर भी पैदा करेगा। आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के इस मॉडल को अन्य राज्यों द्वारा भी अपनाया जा सकता है।
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