Advertisement
नकली दवाओं से बच्चों की जान खतरे में, डॉक्टर की सलाह के बिना दवाइयां न लें

हाल ही में कफ सिरप से मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बच्चों की मौतें हुईं, और राजस्थान में भी ऐसे केस रिपोर्ट हुए जहां घटिया दवाओं से ऐंठन, सांस की तकलीफ और मौत हुई।
बच्चों में सेल्फ-मेडिकेशन से एडवर्स इफेक्ट्स, ट्रीटमेंट फेलियर और एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस का रिस्क ज्यादा है, क्योंकि उनका शरीर दवाओं को अलग तरीके से रिएक्ट करता है।
एंटीबायोटिक्स और कफ सिरप: 40 से ज्यादा बैच फेल, चुरू, सीकर और भरतपुर में मौतें।
दर्द निवारक और एंटी-एलर्जिक: साल्ट्स की कमी से इलाज असफल, एलर्जी का खतरा।
विटामिन सप्लीमेंट्स: कुपोषित बच्चों के लिए जहर समान।
फार्मासिस्ट और परिवार की सलाह पर दवाएं लेना आम है, लेकिन यह गलत डोज या नकली दवा से स्वास्थ्य बिगाड़ सकता है।
विभाग की लापरवाही और कार्रवाई की मांग राजस्थान ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट ने 65 कंपनियों की जांच शुरू की है, एक अधिकारी सस्पेंड हुआ, लेकिन जांच में देरी से दवाएं बाजार में पहुंच गईं।
विशेषज्ञ कहते हैं कि जागरूकता अभियान चलाएं, ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल क्लीनिक बढ़ाएं और दवाएं खरीदते वक्त कैश मेमो लें। यदि कोई साइड इफेक्ट हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट करें।यह चेतावनी है: डॉक्टर की सलाह के बिना दवाइयां न लें, खासकर बच्चों के लिए। आपकी सेहत से खिलवाड़ न करें!
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
जोधपुर
Advertisement
राजस्थान से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement
Traffic
Features


