महाभिषेक प्राणप्रतिष्ठा के साथ मां दुर्गा की प्रतिमा की हुई स्थापना

गोंडा। जिले के मसकनवा कस्बे के रमऊपुर मोहनीजोत सम्मय मांई स्थान मंदिर पर नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ के दौरान महा अभिषेक महापूजा व प्राण-प्रतिष्ठा के साथ मां दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित किया गया। मुख्य यजमान शिव पूजन मौर्य व मंजू देवी ने अनुपम शास्त्री परमानन्द शास्त्री आलोक शास्त्री के साथ विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ गंगा जल फलों के रस अन्न के रस शहद घी चंदन व केसर से महाभिषेक किया। पं राघवेंद्र शास्त्री ने बताया कि वैदिक काल की परम्परा है कि महा अभिषेक के बाद प्रतिमा में प्राण आते हैं और मूर्ति जीवंत हो उठती है। नारियों की पूजा में देवता वास करते हैं।
कथा व्यास अरविन्द शास्त्री ने नारी शक्ति की महिमा व महिषासुर बध का वर्णन करते करते हुए बताया कि जहां नारियों की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं।जब जब धरती पर अत्याचार बढा है तब तब मां भगवती ने भक्तों की रक्षा के लिए दैत्यों से युद्ध किया है। राक्षस महिषासुर का पाप जब बढा तो देवताओं ने मां भगवती से प्रार्थना की और सभी ने अपनी अपनी शक्तियों प्रदान की तब माता ने दुष्ट राक्षसों का वध कर भक्तों की रक्षा की। उन्होंने कहा कि पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं का अधिक सम्मान होना चाहिए।
गोंडा
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