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HSVP आवंटियों के एन्हांसमेंट संबंधी मुद्दों के लिए 15 नवंबर से लागू होगी : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की 127वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में कुल 65 एजेंडा रखे गए और सभी एजेंडों को मंजूरी प्रदान की गई। सैनी ने कहा कि प्लॉट आवंटियों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं चाहिए और एन्हांसमेंट के अलावा अन्य लंबित मामलों का भी जल्द से जल्द निपटान सुनिश्चित किया जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि पहले भी समय-समय पर विवादों का समाधान योजना शुरू की गई थी, जिसमें कुल मिलाकर अभी तक 40,762 डिफॉल्ट आवंटियों ने लाभ उठाया है और उन्हें लगभग 1560 करोड़ रुपए की राहत मिली है। अब 15 नवंबर, 2024 से एक बार फिर विवादों का समाधान योजना शुरू की जा रही है, जिसमें लगभग 7000 से अधिक आवंटियों को लाभ प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
विस्थापितों को प्लॉट आवंटन के लिए जारी होगा विज्ञापनः
मुख्यमंत्री ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा नए सेक्टर विकसित करने के दौरान विस्थापितों को प्लॉट देने के मामले में निर्देश देते हुए कहा कि विस्थापितों को प्लॉट के लिए आवेदन करने हेतु समान अवसर दिया जाए और ऐसे लंबित मामलों, जिनमें विस्थापितों को प्लॉट नहीं मिला है, उनके लिए दोबारा से विज्ञापन जारी किया जाए। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि प्राधिकरण की ओर से इस बारे संपूर्ण तैयारी कर ली गई है और जल्द ही अपनी नीति के अनुसार सेक्टरों में विस्थापितों के लिए आरक्षित प्लॉटों का विज्ञापन जारी किया जाएगा, जिसमें सभी विस्थापितों को आवेदन करने का अवसर मिलेगा।
ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट के लिए 31 मार्च, 2025 तक करें आवेदनः
बैठक के दौरान हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के प्लॉट आवंटियों द्वारा किसी कारणवश ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट न लिये जाने बारे चर्चा की गई। इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि इन प्लॉट आवंटियों का एक और अवसर दिया जाए, ताकि वे ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकें। इसके लिए प्राधिकरण द्वारा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और अब ऐसे प्लॉट आवंटी, जो अभी तक ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट नहीं प्राप्त कर पाए हैं, वे 31 मार्च, 2025 तक आवेदन कर सकते हैं।
गिफ्ट डीड से भी हो सकेंगे प्लॉट ट्रांसफरः
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अब गिफ्ड डीड के आधार पर भी प्लॉट के हस्तांतरण की अनुमति दी जाएगी। प्राधिकरण के निर्देशों के अनुसार, पहले प्लॉट के हस्तांतरण की अनुमति केवल पंजीकृत बिक्री विलेख (सेल डीडी) पर ही मिलती थी। हालांकि, प्राधिकरण द्वारा प्लॉट की रजिस्ट्री की अनुमति प्रदान कर दी गई थी। लेकिन कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां उपहार विलेख (गिफ्ड डीड) के कारण प्लॉट हस्तांतरण नहीं हो सके।
लेकिन एचएसवीपी ने नीति में संशोधन किया और ऐसे लोगों को राहत देने के लिए आज निर्णय लिया गया कि ऐसे संबंधित आवंटियों को 31 दिसंबर, 2024 तक एक बार अवसर दिया जाएगा, ताकि वे अपना प्लॉट हस्तांतरित करवा सकें। उसके बाद ऐसे किसी भी मामले पर विचार नहीं किया जाएगा। इस निर्णय से पुराने आवंटियों को बड़ा फायदा होगा।
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