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जगतपुरा की गोल्डन डोम्स रेजिडेंट सोसायटी का चुनाव अवैध घोषित

जयपुर। रजिस्ट्रार संस्थाएं जयपुर ने जगतपुरा स्थित गोल्डन डोम्स रेजिडेंट सोसायटी के चुनाव को अवैध घोषित कर दिया है। इसके साथ ही सोसायटी को नोटिस भेजकर राजस्थान अपार्टमेंट ऑनरशिप एक्ट 2015 के संशोधित आदर्श उप नियम 2020 को स्वीकार करने औऱ सूचना ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड कर कार्यालय से अनुमोदन कराने के बाद ही चुनाव कराए जाने को कहा गया है।
नोटिस के मुताबिक सोसायटी की ओर से गत 17 सितंबर, 2023 को चुनाव करवा लिए गए थे। लेकिन, इस चुनाव से सोसायटी के अधिकांश लोग संतुष्ट नहीं थे। इसलिए मदन मोहन भार्गव और अन्य लोगों की ओर से मनमाने तरीके से कराए गए चुनाव की रजिस्ट्रार सहकारी संस्थाएं को शिकायत दर्ज कराई गई। इस शिकायत पर जांच के बाद रजिस्ट्रार ने इन चुनावों को अवैध माना।
रजिस्ट्रार सहकारी संस्थाएं का मानना है कि चुनाव गलत तरीके से कराए गए हैं। क्योंकि सोसायटी ने ना तो राजस्थान सहकार पोर्टल पर ऑनलाइन प्रोफाइल सबमिट की है और ना ही राजस्थान अपार्टमेंट ऑनरशिप एक्ट 2015 के आदर्श नियम 2020 को अंगीकार किया है। जबकि ये नियम काफी पहले लागू हो चुके हैं।
रेजिडेंट्स की शिकायत पर रजिस्ट्रार कार्यालय की ओऱ से पहले सोसायटी को नोटिस भेजा गया। लेकिन, सोसायटी कार्यालय ने विभाग का लेटर लेने से इनकार कर दिया। इस पर सहकारिता विभाग ने नोटिस को सोसायटी गेट पर चिपकाया और अपनी तामिल की प्रक्रिया पूरी की।
रेजिडेंट्स ने बताया कि सचिव और उनकी मंडली सालों से धांधली कर रही है जिसकी कई बार शिकायत की गई पर आज तक कोई कार्यवाही नही हुई थी। इस बार रजिस्ट्रार संस्थाएं ने हमारी बात सुनी और कार्यवाही की। जिनका हम सभी रेजिडेंट धन्यवाद ज्ञापित करते हैं।
नोटिस के मुताबिक सोसायटी की ओर से गत 17 सितंबर, 2023 को चुनाव करवा लिए गए थे। लेकिन, इस चुनाव से सोसायटी के अधिकांश लोग संतुष्ट नहीं थे। इसलिए मदन मोहन भार्गव और अन्य लोगों की ओर से मनमाने तरीके से कराए गए चुनाव की रजिस्ट्रार सहकारी संस्थाएं को शिकायत दर्ज कराई गई। इस शिकायत पर जांच के बाद रजिस्ट्रार ने इन चुनावों को अवैध माना।
रजिस्ट्रार सहकारी संस्थाएं का मानना है कि चुनाव गलत तरीके से कराए गए हैं। क्योंकि सोसायटी ने ना तो राजस्थान सहकार पोर्टल पर ऑनलाइन प्रोफाइल सबमिट की है और ना ही राजस्थान अपार्टमेंट ऑनरशिप एक्ट 2015 के आदर्श नियम 2020 को अंगीकार किया है। जबकि ये नियम काफी पहले लागू हो चुके हैं।
रेजिडेंट्स की शिकायत पर रजिस्ट्रार कार्यालय की ओऱ से पहले सोसायटी को नोटिस भेजा गया। लेकिन, सोसायटी कार्यालय ने विभाग का लेटर लेने से इनकार कर दिया। इस पर सहकारिता विभाग ने नोटिस को सोसायटी गेट पर चिपकाया और अपनी तामिल की प्रक्रिया पूरी की।
रेजिडेंट्स ने बताया कि सचिव और उनकी मंडली सालों से धांधली कर रही है जिसकी कई बार शिकायत की गई पर आज तक कोई कार्यवाही नही हुई थी। इस बार रजिस्ट्रार संस्थाएं ने हमारी बात सुनी और कार्यवाही की। जिनका हम सभी रेजिडेंट धन्यवाद ज्ञापित करते हैं।
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