Echo of devotion, dance and cheers in Krishna Janmotsav and Nandotsav at the place of Bhagwat Katha in Veer Hanuman Vatika of Shastri Nagar-m.khaskhabar.com
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Mar 29, 2024 3:52 pm
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शास्त्री नगर की वीर हनुमान वाटिका में भागवत कथा स्थल पर कृष्ण जन्मोत्सव व नंदोत्सव में भक्ति, नृत्य व जयकारों की गूंज

khaskhabar.com : शुक्रवार, 26 मई 2023 9:19 PM (IST)
शास्त्री नगर की वीर हनुमान वाटिका में भागवत कथा स्थल पर कृष्ण जन्मोत्सव व नंदोत्सव में भक्ति, नृत्य व जयकारों की गूंज
बीकानेर । शास्त्री नगर स्थित वीर हनुमान वाटिका परिसर में शुक्रवार को चौथे दिन भक्ति संगीतमय भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव व नंदोत्सव भक्ति, नृत्य व जयकारों के साथ मनाया गया। बड़ी संख्या में सत्सगियों ने प्रीत वस्त्र धारण कर भक्ति भाव से सराबोर होकर नृत्य किया तथा जयकारा लगाया। कथा स्थल पर शनिवार को गोवर्धन पूजा की जाएगी तथा छप्पन भोग का प्रसाद चढ़ाया जाएगा।

’’जय कन्हैया लाल की हाथी-दीजै, घोड़ा दीजै और दीजै पालकी’’, ’’श्रीराधे’’, ’’बांके बिहारी लाल की जय’’ से सत्संग पंडाल गूंज उठा’’ । मंच को गुब्बारों व रंग बिरंगी फूलों से सजावट की गई। माखन मिश्री, टॉफी, बिस्किट, खिलौने व प्रसाद का वितरण किया गया। कथा का वाचन विवेचन करते हुए बांके बिहारी मंदिर के शयन भोग अधिकारी व कथावाचक पंडित बृजेश गोस्वामी ने भगवान कृष्ण की लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण की करें। भगवान को स्मरण करने वाले को यमलोक तक के मार्ग को रोक देते है। सच्चे हृदय व मन से नारायण-नारायण पुकारने से वे हर परिस्थिति, काल में भक्तिं की रक्षा करते हैं।

कथा वाचक पंडित गोस्वामी ने ’’जीवन है तेरे हवाले मुरलिया वाले, हम कठपुतली तेरे हाथ की चाहे जो जैसे नचाले मुरलिया वाले’’ आदि भजनों से श्रोताओं को करीब चार घंटें तक भाव विभोर रखा । सत्संगियों विशेष कर सत्संगी महिलाओं, ग्वाल, बाल, गोपिकाएं व बाल कृष्ण,राधा-कृष्ण, नंद बाबा का स्वरूप् धारण किए श्रद्धालुओ ने भक्ति भाव से ठाकुरजी की नृत्य स्तुति वंदना की। कथा के दौरान वृदांदन से आई संगीत टोली ने प्रभावी वादन कर श्रोताओं को भक्ति रस में डूबो दिया। तबले पर लाला भैया की थाप, पैड पर केशव की अंगुलियां व ऑरगन पर ओम दूबे अपने साज के साथ भक्ति गीतों में स्वर मिलाकर भक्ति आनंद की श्रीवृद्धि कर रहे थे। कथा के प्रसंगानुसार अपने साजो का इम्पेक्ट प्रस्तुत कर कथा में भाव भक्ति को बढ़ा रहे थे तथा कथा के प्रसंगों को साक्षात कर रहे थे। श्रीमद्भागवत कथा को अनन्य भाव से सुनने, उनके अनुसार जीवन आदर्श बनाना चाहिए। भागवत कथा से जीवन की आश्रित होना चाहिए।

उन्होंने ने भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार का वर्णन करते हुए कहा कि प्रहलादजी ने अनेक कष्ट सहकर भी हरि का आश्रय व स्मरण नहीं छोड़ा। सच्चे भक्त को ’’श्रीमन नारायण-श्रीमन नारायण’ श्री हरि के अलावा कुछ भी नजर नहीं आता। प्रहलादजी ने अपने पिता हरिणाकश्यप् को नवद्या भक्ति का उपदेश दिया तब उन्हें तीन दिन तक काल कोठारी में डाल दिया। लेकिन स्वयं बांकेबिहारी को लगने वाले दूध भोग को लक्ष्मी भक्त प्रहलाद तक पहुंचाती। अनेक लोगों ने प्रहलाद को समझाया कि हरि नाम को गाओ के सारी दुनियां दारी भूल जाएंगे। प्रहलादजी के साथ उनके साथियों ने भी वाद्य यंत्रों के साथ हरि गुण गाएं। तकदीर बदलने के लिए राधा नाम गाना होगा। ’’ तेरी बदल जाए तकदीर, तु राधे-राधे बोल जरा’’, मिले कृष्ण नाम का गीत का गीत’’ । जितना प्रभु गुण गाओगे उतनी किस्मत बदल जाएंगी। आराध्य के देव के गुण गाने से किस्मत बदल जाती है। ’’सत्संगीं करतल ध्वनि के साथ ’’बजाओं राधा नाम की ताली’’, मुठी बांध कर जग में आए, जाएंगे हाथ खाली’’ भजन पर झूम उठे।

शुक्रवार का वामन, महर्षि कपिल अवतार के साथ एक श्लोकी रामचरित मानस सुनाकर भगवान राम अवतार, चन्द्रवंश, यदुवंश, श्री कृष्ण के अवतार का वर्णन किया। उन्होंने पृथ्वी पर अधर्म, पापाचार को रोकने लिए भगवान अवतार लेते है तथा दुष्टों का संहार करते है। भगवान बलराम को योगमाया से माता रोहिणी के गर्भ अवतार हुआ। देवकी के आठवें पुत्र के रूप् बांकेबिहारी गर्भ में प्रविष्ठ होते है। बावजूद सभी जगह मंगल-ही मंगल हो जाता है। रोहिणी नक्षत्र, वार बुधवार को अष्टमी के दिन भगवान कृष्ण का अवतार हुआ। कथा के प्रसंगानुसार वसुदेवजी को श्रीकृष्ण के स्वरूप् को लाने की झांकी प्रदर्शित की तब हर्ष-अल्लहाद से वातावरण आनंद मय हो गया। ’’ स्वागतम कृष्णा, शरणागतम् कृष्णा’’ का भजन के साथ श्रोता भाव विभोर हो गए। ’’बोलिए बांके बिहारी लाल की जय’’ के साथ बधाईयां गाई गई। ’’ हुआ ब्रज मंडल शोर, चलो ब्रज मंडल की ओर जन्म लियो कान्हा ने ’’ ’’बधाई है, बधाई है, ’’नंदजी अंगना में बज रही, बधाई, सौ-सौ बार बधाई लोगों, लाखों बार बधाई जैसे भक्ति गीतों ’’नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की’’ के उद्घोष के साथ भक्ति की सरस वर्षा में श्रोता खो से गए। सत्संगियों ने नकदी से बधाइयां बांटी, खूब जमकर नृत्य किया ।

इन्होंने करवाया पूजन-नंदोत्सव का लाभ- श्रीकृष्ण व नंदोत्सव अनिता एवं सत्येन्द्र गर्ग परिवार, पंडाल सजावट, माखन मिश्री प्रसाद का लाभ शालू गुप्ता एवं आनंद गुप्ता परिवार,, सुबह प्रतिष्ठित देवों का पूजन मुकेश सोनी, कंचन सोनी, आशीष, खुशबू, चारू व डिम्पल सोनी परिवार ने लिया। सभी ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजन व आरती करवाई। वीर हनुमान वाटिका समिति की सचिव व पूर्व पार्षद छाया गुप्ता ने बताया कि कथा का सीधा प्रसारण यू टयूब, फेसबुक व सोशल मीडिया से करने पर बड़ी संख्या में देश-विदेश में बैठे सत्संगियों ने देखा।



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