Easy to find gold, difficult to find close friends-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Mar 28, 2024 2:10 pm
Location
Advertisement

सोने को पाना आसान, करीबी दोस्त खोजना मुश्किल

khaskhabar.com : मंगलवार, 05 मई 2020 08:29 AM (IST)
सोने को पाना आसान, करीबी दोस्त खोजना मुश्किल
बीजिंग। 'सोने को पाना आसान है, लेकिन एक करीबी दोस्त खोजना मुश्किल है' इस चीनी कहावत से मित्रता के प्रति चीनी लोगों का स्वभाव और मनोभाव के बारे में पता चलता है। चीनी लोग मानते हैं कि एक अच्छा दोस्त मिलना मुश्किल है, लेकिन अगर आप भाग्यशाली हैं कि आप एक अच्छे इंसान के दोस्त बन गये हैं, तो आपको उसकी कद्र करनी चाहिए। मैंने चीन में रहते हुए सीखा है कि यदि चीनी लोग किसी के साथ एक गहरा रिश्ता बनाते हैं, तो वे जीवन भर उसे निभाते हैं।

चीन में रहते हुए मुझे 9 साल हो गए हैं। मुझे हमेशा चीनी लोगों से प्यार और अपनापन मिला है। मुझे कभी एहसास ही नहीं हुआ कि मैं किसी पराये देश में हूं। मुझे हमेशा लगता है कि मैं अपने ही देश में हूं और अपने ही लोगों के साथ रह रहा हूं। यहां चीन में सभी लोगों का स्वभाव मित्रवत है, और यदि आप खुले विचारों वाले और मिलनसार हैं, तो आपको चीनियों के साथ दोस्ती करने के दौरान किसी भी समस्या का अनुभव नहीं होगा। चीनी लोग बहुत ज्यादा मिलनसार और दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं।

पिछले साल, किसी एक सार्वजनिक कार्यक्रम में संयोग से एक चीनी व्यक्ति से मुलाकात हुई। उसका उपनाम हुआंग है। उसे भारतीय संस्कृति और बॉलीवुड फिल्मों के प्रति बड़ी रुचि है, और वह भारत के बारे में काफी कुछ जानता भी है। उसके भारत के प्रति लगाव देखकर मैं बहुत प्रभावित हुआ। तब से हम दोनों के बीच बातचीत शुरू हो गई, और हम अच्छे दोस्त बन गए। हम अकसर कॉफी पीने या खाना खाने पर मिलते थे। इस साल चीनी नववर्ष की छुट्टियों के दौरान, उसने मुझे और मेरे परिवार को डिनर के लिए आमंत्रित किया। मैंने भी उसे और उसके परिवार को भारतीय भोजन के लिए अपने घर आने का न्यौता दिया। लेकिन कोविड-19 महामारी फैलने के कारण, उसने हमारी इस मुलाकात को कुछ समय के लिए स्थगित कर दी।

जब महामारी फैलने लगी, तब सभी लोग एकांतवास में रहने लगे और सामाजिक दूरी बनाने लगे। सभी लोग समाज से अलग-थलग हो गए। मुझे याद है जब बीजिंग में सर्जिकल मास्क की कमी थी, तो मेरे चीनी मित्र हुआंग ने फोन करके मुझसे पूछा, 'हैलो मित्र! कैसे चल रहा है सब? क्या तुम्हें मास्क की जरूरत है? मैं तुम्हारे लिए व्यवस्था कर सकता हूं।" "नहीं दोस्त! मेरे पास पहले से ही है, जरूरत नहीं है। बहुत-बहुत धन्यवाद।" मैंने उत्तर दिया।

लेकिन अगले दिन एक पार्सल देने के लिए मेरे पास डिलीवरी मैन का फोन आया। उसने मुझे एक मध्यम आकार वाला बॉक्स थमाया। पार्सल देखकर मैं बेहद हैरान हुआ कि मैंने कुछ ऑर्डर नहीं किया है तो फिर इसे किसने भेजा है। जब मैंने बॉक्स खोला तो देखा कि उसमें 5 दर्जन मास्क, 20 सर्जिकल दस्ताने, और 2 बोतल सैनिटाइजर थे। उसके अंदर एक पत्र भी था, जिसमें लिखा था, "हे मेरे प्यारे दोस्त, मुझे पता है कि तुम्हें अभी मास्क की जरूरत नहीं है, लेकिन जब तुम्हारे पास खत्म हो जाएंगे तो तुम्हें और अधिक की जरूरत पड़ेगी। हम इस महामारी में एक साथ हैं। अपना ख्याल रखिए और सुरक्षित रहें।"

यह पत्र पढ़कर मैं बहुत प्रभावित हुआ और मेरे आंखों से आंसू छलकने लगे। मुझे इस पत्र में उसकी निस्वार्थ मित्रता, करुणा, और एकजुटता महसूस हुई। उस पत्र ने मेरे दिल को छू लिया। मुझे सच में महसूस हुआ कि दोस्ती का कोई मोल नहीं होता, और ये चीज हम अपने भारत में भी मानते हैं कि मित्रता अनमोल है।

खैर, चीन में कोरोना के नये मामले थम गये हैं। हालांकि सख्त नियम और कड़े उपाय अपना कर इस महामारी पर काबू पा लिया गया है। लेकिन मैं यहां चीन सरकार और कोरोना योद्धाओं के संघर्ष की दाद देना चाहूंगा कि उसने कोरोना महामारी की स्थिति को ठीक करने और फैलने से रोकने के लिए दिन-रात एक कर दिये। चीनी चिकित्सक और वैज्ञानिक दिन-रात काम करते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं ताकि जल्द से जल्द कोरोना का टीका तैयार कर सके।

इस समय बीजिंग सामान्य पटरी पर वापस लौटने लगा है। अब हम बीजिंग में किसी एक भारतीय रेस्तरां में खाना खाने की योजना बना रहे हैं, जो अधूरा रह गया था। याद रहे, एक बार जब आप अपने चीनी दोस्त के साथ एक मजबूत रिश्ता और विश्वास बना लेते हैं, तो यह तय है कि वह जीवन भर आपका साथ निभाएगा! (आईएएनएस)

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar.com Facebook Page:
Advertisement
Advertisement