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खन्ना की केहर सिंह कॉलोनी में दिनदहाड़े 'किडनैपिंग' का नाटक, प्रेम कहानी निकली पीछे की सच्चाई

22 जनवरी की दोपहर को शिवानी के घर में एक कार पहुंची। एक युवक, जिसने मुंह ढक रखा था, घर में दाखिल हुआ, बच्ची को उठाया और शिवानी को खींचकर कार में बैठा लिया। बाहर खड़े अन्य युवक खिड़की खोलकर निगरानी कर रहे थे। शिवानी की सास सुमन ने शोर मचाया, लेकिन कोई मदद के लिए आगे नहीं आया। पुलिस कंट्रोल रूम नंबर 112 पर सूचना दी गई कि बहू और पोती का किडनैप हो गया है।
दिनदहाड़े किडनैपिंग की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक अश्विनी गोत्याल ने एसएचओ रविंदर कुमार के नेतृत्व में टीम गठित की। पुलिस ने कुछ ही समय में कार को मंडी गोबिंदगढ़ में ट्रेस कर लिया। वहां से शिवानी और उसकी बच्ची को गांव तूरां के एक घर से बरामद किया गया।
जांच में खुलासा हुआ कि शिवानी का अपने पति से शादी के पहले से विशाल ठाकुर नामक युवक के साथ संबंध था। परिवार की मर्जी के बिना शादी होने के कारण वह पति के साथ खुश नहीं थी। चोरी-छिपे वह विशाल से बात करती थी और उसके साथ भागने की योजना बना रही थी।
विशाल ठाकुर, अपने दोस्तों सूरज कुमार, साहिल कुमार और राजविंदर के साथ मिलकर इस नकली किडनैपिंग की योजना बनाई। इन्होंने यह सोचकर योजना बनाई कि पुलिस और परिवार को गुमराह करके शिवानी को उसके प्रेमी के साथ रहने का मौका मिलेगा। लेकिन, उनका यह नाटक ज्यादा देर नहीं टिक सका।
शिवानी, विशाल ठाकुर और उनके तीन दोस्तों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 217 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एसएचओ रविंदर कुमार ने बताया कि इस मामले में आरोपियों ने न केवल परिवार, बल्कि कानून को भी गुमराह करने का प्रयास किया। यह एक गंभीर अपराध है, और सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला सिर्फ प्रेम प्रसंग का नहीं है, बल्कि यह बताता है कि भावनात्मक असंतोष किस तरह लोगों को गलत कदम उठाने पर मजबूर कर सकता है। शिवानी और विशाल की यह योजना उनकी जिंदगी में और समस्याएं पैदा कर गई। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सूझबूझ ने न केवल इस साजिश को उजागर किया, बल्कि समाज को एक संदेश भी दिया कि कानून और सच्चाई से बचना आसान नहीं है।
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