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दिपावली खास - हस्तशिल्प मेले में दीपावली की रौनक

जूट के धागों से बुने राधा कृष्ण, टी कॉस्टर और फोटो फ्रेम
यदि आप घर की शोभा बढ़ाने के लिए सजावटी सामान ढूंढ़ रहे हैं तो यहां जूट से बने बायोडिग्रेडेबल प्रोडक्ट्स जैसे प्लांट पॉट, कॉस्टर, वास, बोतल, पेन स्टैंड और फोटो फ्रेम जैसी चीजें मौजूद हैं, जो जूट की रस्सियों से तैयार की जाती हैं। जयपुर के मनीष ने बताया कि उनके पास विस्तृत श्रृंखला में जूट के उत्पाद मौजूद हैं। वहीं अन्य दस्तकार माधवी बताती हैं कि उन्होंने जूट से मर्मेड, डॉल, राधा-कृष्ण की मूर्तियां और विंड चाइम जैसे आकर्षक सजावटी सामान तैयार किए हैं जो लोगों का ध्यान खींच रहे हैं। उनके पिता ने करीब 40 साल पहले इस कला की शुरुआत की थी। वे जूट को धोकर, सुखाकर और हाथों से आकार देकर नाइट लैंप, शोपीस और बुके जैसी सुंदर वस्तुएं तैयार करती हैं।
कपड़े और गोटे-पत्ती की बारीक कला से सजे बंधनवार
दीपावली की सजावट के सामान में दियों की खास पहचान देखने को मिल रही है। कपड़े से बने गुड्डे-गुड़ियां, जिनके साथ एक मोमबत्ती स्टैंड भी है, घर की सजावट में अलग ही रौनक भरते हैं। वहीं, गोटे-पत्ती पर बारीक डिजाइन देकर बंधनवार तैयार किए गए हैं, जिनमें कृष्ण के रूप, फूल, लेस का काम और अन्य सूक्ष्म कारीगरी शामिल है। इन हस्तशिल्प वस्तुओं में पारंपरिक कला और आधुनिक सजावट का अद्भुत संगम दिखाई देता है, जो दीपावली में घर को सुंदर और आकर्षक बनाने का बेहतरीन माध्यम है।
पेड़ की छाल और वाइन कॉर्क को रिसाइकिल कर बनाये गए बैग
हाथ की कारीगरी के साथ-साथ मेले में सस्टेनेबल एनवायरनमेंट की बेहतरीन मिसाल भी देखने को मिल रही है। करणीलाल शर्मा और उनके बेटे विकास शर्मा ने इन अनोखी वस्तुओं के माध्यम से सस्टेनेबल एनवायरनमेंट की बेहतरीन मिसाल पेश की है। वे बताते हैं कि छाल और कॉर्क को पहले साफ करके, फिर प्राकृतिक गोंद से जोड़कर और हाथ से सिलाई कर इनका आकार दिया जाता है। बिना प्लास्टिक के तैयार ये हैंडीक्राफ्ट वस्तुएं पर्यावरण संरक्षण और फैशन का सुंदर मेल हैं।
प्राकृतिक रंगों व कपड़े से तैयार सजावट के एनवायरमेंट फ्रेंडली फूल
हैंडमेड प्रॉडक्ट में घर सजावट के खूबसूरत फूल शामिल हैं। नागालैंड से आई अलिना बताती हैं कि वह प्राकृतिक रंग घर पर ही तैयार कर कपड़े के फूलों पर अपनी कला उकेरती हैं। इन फूलों में किसी तरह का प्लास्टिक या अन्य रासायनिक उत्पाद इस्तेमाल नहीं होता, बल्कि ये पूरी तरह से पर्यावरण-अनुकूल हैं। इनका रख-रखाव करना भी आसान है, जिससे ये घर की सजावट के लिए सुरक्षित और लंबे समय तक आकर्षक बने रहते हैं।
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