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डायमंड संजीवनी प्रोजेक्टः राज किशोर मोदी, सुजाता मोदी, सिद्धार्थ जयपुरिया और संजय पसारी फ़रार

नीमराना रिसॉर्ट में सस्ते भूखंड दिलाने के नाम पर जयपुर, दिल्ली अलवर के लोगों को ठगा
कोलकाता। नीमराना रिसॉर्ट प्रोजेक्ट में कई लोंगो से धोखाधडी कर करोड़ों रुपए की ठगी करके बिल्डर्स राज किशोर मोदी, सुजाता मोदी, सिद्धार्थ जयपुरिया और संजय पसारी फरार हो गए हैं। इसका पता तब चला जब इनके जयपुर और कोलकता ठिकानों पर पुलिस जुर्म धारा 420, 406 और 120बी के तहत एफआईआर में पूछताछ के लिए नोटिस तामील करवाने पहुंची। पुलिस ने अब नोटिस उनके ठिकानों पर चस्पा कर दिए हैं।
बता दें कि नीमराना रिसॉर्ट में इन लोगों ने सस्ते प्लॉट दिलाने के नाम पर जयपुर, अलवर और दिल्ली के कई लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी कर रखी है। ठगी के शिकार हुए लोगों ने इनके खिलाफ अलवर के शाहजहांपुर थाने में एफआईआर दर्ज करवा रखी है।
पुलिस को पहले तो राजकिशोर मोदी और सिद्धार्थ ने अपने वकील की उपस्थिति में सभी से प्लॉट के बदले पैसे लेना कबूल कर लिया। फिर कभी अपने पीए से तो कभी सुजाता मोदी से नोटिस साइन कराने का झांसा देकर ये लोग फरार हो गए। सिद्धार्थ जयपुरिया ने तो अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया है।
पीड़ितों के मुताबिक हालांकि पुलिस ने वकील की उपस्थिति में राजकिशोर और सुजाता मोदी का नोटिस उनके निवास 1/1B अपर सरणी रोड पर उपस्थित पीए को दे दिया। सिद्धार्थ जयपुरिया जो कि राजकिशोर मोदी का जयपुर में नजदीकी रिश्तेदार है, ने ही इस ठगी का खेल रचा था। अपना मोबाइल बंद करके फरार हो गया। पुलिस ने सभी नोटिस इनके निवास के साथ-साथ वाट्सएप पर इनके वकील की उपस्थिति में तामील करवा दिए।
वकील के कई बार समझाने के बाद भी राजकिशोर मोदी बोलता रहा कि वह संजय पसारी से पैसे दिलवा देगा। प्लॉट खरीदने वाले आवंटी राजकिशोर मोदी के वकील के कहने के बाद ही मोदी से मिलने कोलकात्ता गए थे। लेकिन, सिद्धार्थ, राजकिशोर और सुजाता मोदी को जब लगा कि उनका वकील ही उन्हें सही राय दे रहा है तो पैसा लेने की बात कबूल करके वे मौके से फरार हो गए।
पुलिस से पता चला है कि सिद्धार्थ, जयपुरिया एप्रैल एजेंसी नाम से जयपुर में भवानी निकेतन स्कूल के पीछे वाले एरिया में अपना गिफ्ट आइटम का धंधा करता है। यह लोकल लेवल पर राजकिशोर का एजेंट भी है। कानून के जानकारों का कहना है कि नोटिस तामिल होने के बाद अब दी गई तारीख पर अगर राज किशोर मोदी, सुजाता मोदी, सिद्धार्थ जयपुरिया और संजय पसारी थाने पर हाजिर नहीं होंगे तो इनकी गिरफ्तारी हो सकती है।
वैसे कोलकात्ता में राजकिशोर मोदी वैदिक विलेज, ग्रीन टेक आईटी सिटी प्रा. लि., संजीवा श्री समेत कई प्रोजेक्ट का मालिक है। लेकिन, राजकिशोर कंपनी की दूसरी कंपनियां के कोलकात्ता प्रोजेक्ट मैं भी इनकी ठगी के शिकार हुए इन्वेस्टर्स का रोना इनके निवास स्थित कार्यालय में निरंतर चलता रहता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि इसके प्रोजेक्ट में मुख्यमन्त्री का भतीजा पार्टनर है। उसी की वजह से कोलकात्ता में राजकिशोर और सुजाता मोदी ने तमाम लोगों को ठग रखा है।
कोलकाता। नीमराना रिसॉर्ट प्रोजेक्ट में कई लोंगो से धोखाधडी कर करोड़ों रुपए की ठगी करके बिल्डर्स राज किशोर मोदी, सुजाता मोदी, सिद्धार्थ जयपुरिया और संजय पसारी फरार हो गए हैं। इसका पता तब चला जब इनके जयपुर और कोलकता ठिकानों पर पुलिस जुर्म धारा 420, 406 और 120बी के तहत एफआईआर में पूछताछ के लिए नोटिस तामील करवाने पहुंची। पुलिस ने अब नोटिस उनके ठिकानों पर चस्पा कर दिए हैं।
बता दें कि नीमराना रिसॉर्ट में इन लोगों ने सस्ते प्लॉट दिलाने के नाम पर जयपुर, अलवर और दिल्ली के कई लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी कर रखी है। ठगी के शिकार हुए लोगों ने इनके खिलाफ अलवर के शाहजहांपुर थाने में एफआईआर दर्ज करवा रखी है।
पुलिस को पहले तो राजकिशोर मोदी और सिद्धार्थ ने अपने वकील की उपस्थिति में सभी से प्लॉट के बदले पैसे लेना कबूल कर लिया। फिर कभी अपने पीए से तो कभी सुजाता मोदी से नोटिस साइन कराने का झांसा देकर ये लोग फरार हो गए। सिद्धार्थ जयपुरिया ने तो अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया है।
पीड़ितों के मुताबिक हालांकि पुलिस ने वकील की उपस्थिति में राजकिशोर और सुजाता मोदी का नोटिस उनके निवास 1/1B अपर सरणी रोड पर उपस्थित पीए को दे दिया। सिद्धार्थ जयपुरिया जो कि राजकिशोर मोदी का जयपुर में नजदीकी रिश्तेदार है, ने ही इस ठगी का खेल रचा था। अपना मोबाइल बंद करके फरार हो गया। पुलिस ने सभी नोटिस इनके निवास के साथ-साथ वाट्सएप पर इनके वकील की उपस्थिति में तामील करवा दिए।
वकील के कई बार समझाने के बाद भी राजकिशोर मोदी बोलता रहा कि वह संजय पसारी से पैसे दिलवा देगा। प्लॉट खरीदने वाले आवंटी राजकिशोर मोदी के वकील के कहने के बाद ही मोदी से मिलने कोलकात्ता गए थे। लेकिन, सिद्धार्थ, राजकिशोर और सुजाता मोदी को जब लगा कि उनका वकील ही उन्हें सही राय दे रहा है तो पैसा लेने की बात कबूल करके वे मौके से फरार हो गए।
पुलिस से पता चला है कि सिद्धार्थ, जयपुरिया एप्रैल एजेंसी नाम से जयपुर में भवानी निकेतन स्कूल के पीछे वाले एरिया में अपना गिफ्ट आइटम का धंधा करता है। यह लोकल लेवल पर राजकिशोर का एजेंट भी है। कानून के जानकारों का कहना है कि नोटिस तामिल होने के बाद अब दी गई तारीख पर अगर राज किशोर मोदी, सुजाता मोदी, सिद्धार्थ जयपुरिया और संजय पसारी थाने पर हाजिर नहीं होंगे तो इनकी गिरफ्तारी हो सकती है।
वैसे कोलकात्ता में राजकिशोर मोदी वैदिक विलेज, ग्रीन टेक आईटी सिटी प्रा. लि., संजीवा श्री समेत कई प्रोजेक्ट का मालिक है। लेकिन, राजकिशोर कंपनी की दूसरी कंपनियां के कोलकात्ता प्रोजेक्ट मैं भी इनकी ठगी के शिकार हुए इन्वेस्टर्स का रोना इनके निवास स्थित कार्यालय में निरंतर चलता रहता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि इसके प्रोजेक्ट में मुख्यमन्त्री का भतीजा पार्टनर है। उसी की वजह से कोलकात्ता में राजकिशोर और सुजाता मोदी ने तमाम लोगों को ठग रखा है।
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