Devkinandan demands formation of Sanatan Board from the government, appeals to people to reach Delhi-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Dec 7, 2024 2:32 pm
Location
Advertisement

देवकीनंदन का सरकार से सनातन बोर्ड के गठन की मांग, लोगों से की दिल्ली पहुंचने की अपील

khaskhabar.com : सोमवार, 11 नवम्बर 2024 6:39 PM (IST)
देवकीनंदन का सरकार से सनातन बोर्ड के गठन की मांग, लोगों से की दिल्ली पहुंचने की अपील
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सोमवार को धर्मगुरु देवकीनंदन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में 16 नवंबर को अधिक से अधिक संख्या में लोगों को पहुंचने की अपील की। उन्होंने सरकार से सनातन बोर्ड के निर्माण की मांग की।


धर्मगुरु देवकीनंदन लोगों से अधिक से अधिक संख्या में 16 नवंबर को दिल्ली पहुंचने की अपील करते हुए कहा क‍ि जितनी अध‍िक संख्या में लोग दिल्ली पहुंचेंगे, सरकार उतने ही बड़े पैमाने पर हमारी बात सुनेगी और सनातन बोर्ड का निर्माण होगा।

उन्होंने देश के पक्ष और विपक्ष के नेताओं से आग्रह किया कि ऐसे कब तक अपने देश की छवि को दांव पर लगाते रहेंगे। अगर देश सेक्युलर है, तो सभी को समान अधिकार होने चाहिए। अगर मौलवियों को 15,000 रुपये दिया जा रहा है, तो मंदिर के हर पुजारी को 15,000 रुपये देने की घोषणा करनी चाहिए। अगर मदरसों के लिए कोई योजना आ रही है, तो गुरुकुल के लिए भी योजना लानी चाहिए। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर हम सरकार से सनातन बोर्ड के निर्माण की मांग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सनातनी आज मंदिर के प्रसाद में मिलावट होते हुए देख रहे हैं। कृष्ण जन्मभूमि के लिए न्यायिक प्रतीक्षा कर रहे हैं। आज हम लोग अपने भगवान का अपमान सह रहे हैं, सिर्फ इसलिए क्योंकि हम संविधान पर विश्वास करते हैं। अगर, हमारा विश्वास संविधान पर है, तो संविधान की भी यह जिम्मेदारी है कि वो हमारे साथ न्याय करे। 100 करोड़ लोगों के साथ अन्याय नहीं करना चाहिए।

देवकीनंदन ने कहा कि मीडिया के जरिए तिरुपति मंदिर के प्रसाद में पशु चर्बी मिलावट की खबर मिली, यह कितनी बड़ी बात है? कितने मंदिरों में वो लोग काम करते हैं, जो हिंदू आस्था पर विश्वास नहीं करते।

मौलाना तौकीर रजा द्वारा दिल्ली घेरने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए देवकीनंदन ने कहा कि, मेरे मन में यही डर है, उन लोगों की योजना है आज नहीं तो कल वो दिल्ली को घेरेंगे। अब हम लोगों को सोचना है क‍ि दिल्ली को जाने देना है या बचाना है।
--आईएएनएस

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar.com Facebook Page:
Advertisement
Advertisement