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पदक विजेता खिलाड़ियों को हिरासत में लेना, लोकतंत्र की हत्या - डॉ विनीत पुनिया

चंडीगढ़, । न्यायालय
द्वारा मंज़ूर धरना स्थल जंतर मंतर से भारत के पदक विजेता खिलाड़ियों को
हिरासत में लेने तथा जंतर मंतर पर जा रहे किसानों की गिरफ़्तारी कि कड़ी
निंदा करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव डॉ. विनीत पुनिया ने इसे
लोकतंत्र की हत्या बताया है।
यहां जारी बयान में डॉ पुनिया ने कहा कि कहा कि एक तरफ़ नए संसद भवन का उद्घाटन हो रहा है, दूसरी तरफ़ संसद भवन से 500 मीटर दूर अहंकार में चूर घमंडी सरकार द्वारा आज जंतर मंतर पर ओलंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट जैसी देश की बेटियों का अपमान करते हुए जनता की आवाज़ को दबाया गया। स्पष्ट है कि यह अहंकारी सरकार सत्ता के घमंड में सही और गलत में अंतर भूल गई है। ओलंपिक पदक विजेता पहलवानों को हिरासत में लेना और पुलिस द्वारा उनपर दमनपूर्वक कार्रवाई की जितना निंदा की जाए, वो कम है।
डॉ. पुनिया ने कहा कि जंतर-मंतर से पुलिस द्वारा न्याय माँग रहीं बेटियों के टैंट और तंबू हटाना और देश की महिला खिलाड़ियों के साथ ऐसा बर्ताव होना बहुत ही शर्मनाक है। भाजपा सरकार का ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा बस ढोंग है। असल नारा भाजपा से बेटी बचाओ’ होना चाहिए।
डॉ पुनिया ने कहा कि इस सरकार में न्याय और सच के लिए आवाज उठाना भी गुनाह हो गया है। आरोपी पर कार्रवाई करने की बजाय पहलवानों के साथ इस तरह की दमनकारी कार्रवाई अत्यंत शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि पहलवानों के साथ-साथ हरियाणा प्रदेश के किसानों को दिल्ली आने से रोका भी अत्यंत निंदनीय है।
डॉ. पुनिया ने कहा कि जिन महिला पहलवानों को प्रधानमंत्री ने पदक लाते वक्त बेटियां कहा था, आज प्रधानमंत्री जी उन बेटियों को भूल गए हैं और उन्हीं बेटियों का यौन शोषण करने वाले आरोपी भाजपा सांसद को बचाने में लगे हुए हैं। जब विश्व पटल पर देश का मान सम्मान बढ़ाने वाली बेटियों को ही न्याय नहीं मिल पा रहा है तो देश की किसी साधारण बेटी को न्याय कहाँ मिलेगा।
यहां जारी बयान में डॉ पुनिया ने कहा कि कहा कि एक तरफ़ नए संसद भवन का उद्घाटन हो रहा है, दूसरी तरफ़ संसद भवन से 500 मीटर दूर अहंकार में चूर घमंडी सरकार द्वारा आज जंतर मंतर पर ओलंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट जैसी देश की बेटियों का अपमान करते हुए जनता की आवाज़ को दबाया गया। स्पष्ट है कि यह अहंकारी सरकार सत्ता के घमंड में सही और गलत में अंतर भूल गई है। ओलंपिक पदक विजेता पहलवानों को हिरासत में लेना और पुलिस द्वारा उनपर दमनपूर्वक कार्रवाई की जितना निंदा की जाए, वो कम है।
डॉ. पुनिया ने कहा कि जंतर-मंतर से पुलिस द्वारा न्याय माँग रहीं बेटियों के टैंट और तंबू हटाना और देश की महिला खिलाड़ियों के साथ ऐसा बर्ताव होना बहुत ही शर्मनाक है। भाजपा सरकार का ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा बस ढोंग है। असल नारा भाजपा से बेटी बचाओ’ होना चाहिए।
डॉ पुनिया ने कहा कि इस सरकार में न्याय और सच के लिए आवाज उठाना भी गुनाह हो गया है। आरोपी पर कार्रवाई करने की बजाय पहलवानों के साथ इस तरह की दमनकारी कार्रवाई अत्यंत शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि पहलवानों के साथ-साथ हरियाणा प्रदेश के किसानों को दिल्ली आने से रोका भी अत्यंत निंदनीय है।
डॉ. पुनिया ने कहा कि जिन महिला पहलवानों को प्रधानमंत्री ने पदक लाते वक्त बेटियां कहा था, आज प्रधानमंत्री जी उन बेटियों को भूल गए हैं और उन्हीं बेटियों का यौन शोषण करने वाले आरोपी भाजपा सांसद को बचाने में लगे हुए हैं। जब विश्व पटल पर देश का मान सम्मान बढ़ाने वाली बेटियों को ही न्याय नहीं मिल पा रहा है तो देश की किसी साधारण बेटी को न्याय कहाँ मिलेगा।
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