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मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद को शुद्ध करने की उठी मांग, आखिर क्यों, यहां पढ़ें

khaskhabar.com : मंगलवार, 24 मई 2022 1:10 PM (IST)
मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद को शुद्ध करने की उठी मांग, आखिर क्यों, यहां पढ़ें
मथुरा । ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के साथ-साथ अब मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़ा जमीन विवाद का मामला लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। सोमवार को दीवानी अदालत में एक प्रार्थना पत्र दाखिल हुआ जिसकी सुनवाई एक जुलाई को अदालत करेगी। हिंदू महासभा के कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने सिविल सीनियर डिवीजन की अदालत में एक प्रार्थना पत्र दाखिल कर शाही ईदगाह मस्जिद को शुद्ध करने की मांग की है। प्रार्थना पत्र में दावा किया गया है कि ईदगाह मस्जिद ठाकुरजी के गर्भगृह पर बनी हुई है।

वह इससे पहले भी प्रार्थना पत्र मथुरा न्यायालय में दाखिल कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने मांग की थी कि हिंदू महासभा के लोगों को शाही ईदगाह मस्जिद में प्रवेश की मंजूरी दी जाए। साथ ही उन्होंने प्राचीन मंदिर विवादित स्थल में ठाकुर केशव देव जी लड्डू गोपाल के अभिषेक और पूजा पाठ करने की इजाजत भी मांगी थी।

दिनेश शर्मा ने बताया कि पहले तलवारों के दम पर हमारे हिन्दूओं के मंदिरों पर हमला किया, लेकिन हम कलम के दम पर प्राचीन धरोहरों को वापस लेंगे, हम चाहते हैं कि मस्जिदों को हटाया जाये और हमारा स्वाभिमान लौटाया जाए।

श्री कृष्ण जन्मभूमि को शादी ईदगाह मस्जिद से मुक्त कराने के लिए लगातार कोर्ट में सुनवाई चल रही है, इसके बावजूद हिंदूवादी नेता और संगठन लगातार कोर्ट में एक के बाद एक प्रार्थना पत्र दाखिल कर रहे हैं, जिसमें अलग-अलग मांगों को रखा जा रहा है।

इससे पहले मथुरा में श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था, इस मामले में निचली अदालत में 26 मई को सुनवाई होगी। याचिका में 2.37 एकड़ जमीन को मुक्त करने की मांग की गई है।

हिन्दू पक्षों का कहना है कि, श्रीकृष्ण विराजमान की कुल 13.37 एकड़ जमीन में से करीब 11 एकड़ जमीन पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान स्थापित है, जबकि शाही ईदगाह मस्जिद 2.37 एकड़ जमीन पर बनी है। इस 2.37 एकड़ जमीन को मुक्त कराकर श्रीकृष्ण जन्मस्थान में शामिल करने की मांग याचिका में की गई।

शाही ईदगाह मस्जिद कमिटी के सचिव तनवीर अहमद ने बताया कि, वादियों के बीच एक होड़ मची हुई है, बस पार्टी नेम बदलकर मुद्दा एक ही रहता है, लगातार मुकदमे आ रहे हैं, जब मामले कि सुनवाई होगी तो हम अपना पक्ष रखेंगे। वहीं 1991 वरशिप एक्ट जिला स्तर पर न्यायलय उनका आंकलन सही तरिके से नहीं कर पर रही हैं या कोई नजरिया नहीं रख पा रही हैं। कानून देश का एक ही है।

मथुरा में इससे खूबसूरत तस्वीर नहीं हो सकती कि एक तरफ ईदगाह है और एक तरफ श्री कृष्ण मंदिर है। पूजा, अर्चना लगातार होती है और मस्जिद में नमाज होती है। किसी को कोई समस्या नहीं है। 1968 समझौते को भी एक लम्बा वक्त हो गया है।

--आईएएनएस

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