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जी-20 एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप के डेलिगेट्स ने देखी सुल्तानपुर बर्ड सेंचुरी

गुरुग्राम। जी-20 एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप के डेलिगेट्स ने शनिवार को गुरुग्राम की सुल्तानपुर बर्ड सेंचुरी (रामसर साइट) का दौरा किया। करीब 350 एकड़ क्षेत्र में फैली सुल्तानपुर बर्ड सेंचुरी को यूरोप, साइबेरिया और मध्य एशिया के प्रवासी पक्षियों का प्रमुख केंद्र माना जाता है। विदेशी मेहमानों को सुल्तानपुर बर्ड सेंचुरी के भ्रमण के दौरान प्रवासी पक्षियों के बारे में जानकारी देने के लिए विशेष प्रदर्शनी भी लगाई गई थी।
जी-20 एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप की बैठक की स्थाई स्मृति बनाए रखने के लिए सभी देशों और संगठनों के प्रतिनिधियों से पौधरोपण भी कराया गया। हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से स्वयं सहायता समूह गठित कर महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के प्रेरक कार्य से भी डेलिगेट्स भ्रमण के दौरान रूबरू हुए। पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव डा.एमडी सिन्हा ने बर्ड सेंचुरी परिसर में पहुंचने पर विदेशी मेहमानों का स्वागत किया।
उन्होंने रामसर साइट में शामिल सुल्तानपुर बर्ड सेंचुरी और यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों से जुड़ी जानकारी से डेलिगेट्स को अवगत कराया। सर्दियों की शुरुआत से ही यहां पर विदेशी पक्षियों का आगमन शुरु हो जाता है। भारत की इस प्रमुख बर्ड सेंचुरी में हर साल करीब 250 प्रजातियों के लाखों पक्षी यहां पर प्रवास करते हैं। सुल्तानपुर बर्ड सेंचुरी की विशेषताओं को देखते हुए इसे अब रामसर साइट में शामिल कर लिया गया है। इस दौरान वन एवं वन्य प्राणी विभाग की ओर से यहां प्रवास करने वाले प्रवासी व स्थानीय पक्षियों की प्रदर्शनी लगाई गई। विदेशी डेलिगेट्स ने प्रदर्शनी के माध्यम से पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के प्रयास को मिली सराहनाः
जी-20 एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप के डेलिगेट्स ने हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्टॉल का अवलोकन करने के दौरान स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की सदस्य महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों में विशेष रूचि दिखाई। मिशन की सीईओ डा. अमनप्रीत कौर ने बताया कि स्वयं सहायता समूह से जुडक़र महिलाएं अपने कौशल विकास की वृद्धि कर आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश कर रही हैं। ग्रामीण परिवेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। विदेशी डेलिगेट्स ने महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के इस प्रयास की बेहद सराहना की।
उन्होंने स्वयं सहायता समूहों के स्टाल से खरीददारी भी की। वहीं इस दौरान स्थानीय शिल्प को प्रोत्साहन देने के लिए मिट्टी के बर्तन तैयार करने का लाइव डेमो भी किया गया। मिलेट ईयर के तहत मोटे अनाज से तैयार होने वाले उत्पादों को किया प्रोत्साहित अंतरराष्ट्रीय मिलेट ईयर-मोटा अनाज वर्ष के तहत सुल्तानपुर बर्ड सेंचुरी में हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े स्वयं सहायता समूहों की सदस्य महिलाओं ने बाजरे के बिस्किट, ज्वार की नमकीन व रागी के चिप्स आदि भी परोसे।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा मिलेट्स स्टॉल भी लगाई गई थी। उप निदेशक कृषि डा. अनिल तंवर ने डेलिगेट्स को मोटे अनाज जैसे कि बाजरा, रागी, ज्वार, सामक आदि के महत्व व पोषक तत्वों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। विदेशी मेहमानों में मोटे अनाज से तैयार उत्पादों का जायका भी लिया और अपने-अपने देशों में प्रोत्साहन देने की बात भी कही।
जी-20 एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप की बैठक की स्थाई स्मृति बनाए रखने के लिए सभी देशों और संगठनों के प्रतिनिधियों से पौधरोपण भी कराया गया। हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से स्वयं सहायता समूह गठित कर महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के प्रेरक कार्य से भी डेलिगेट्स भ्रमण के दौरान रूबरू हुए। पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव डा.एमडी सिन्हा ने बर्ड सेंचुरी परिसर में पहुंचने पर विदेशी मेहमानों का स्वागत किया।
उन्होंने रामसर साइट में शामिल सुल्तानपुर बर्ड सेंचुरी और यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों से जुड़ी जानकारी से डेलिगेट्स को अवगत कराया। सर्दियों की शुरुआत से ही यहां पर विदेशी पक्षियों का आगमन शुरु हो जाता है। भारत की इस प्रमुख बर्ड सेंचुरी में हर साल करीब 250 प्रजातियों के लाखों पक्षी यहां पर प्रवास करते हैं। सुल्तानपुर बर्ड सेंचुरी की विशेषताओं को देखते हुए इसे अब रामसर साइट में शामिल कर लिया गया है। इस दौरान वन एवं वन्य प्राणी विभाग की ओर से यहां प्रवास करने वाले प्रवासी व स्थानीय पक्षियों की प्रदर्शनी लगाई गई। विदेशी डेलिगेट्स ने प्रदर्शनी के माध्यम से पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के प्रयास को मिली सराहनाः
जी-20 एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप के डेलिगेट्स ने हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्टॉल का अवलोकन करने के दौरान स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की सदस्य महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों में विशेष रूचि दिखाई। मिशन की सीईओ डा. अमनप्रीत कौर ने बताया कि स्वयं सहायता समूह से जुडक़र महिलाएं अपने कौशल विकास की वृद्धि कर आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश कर रही हैं। ग्रामीण परिवेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। विदेशी डेलिगेट्स ने महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के इस प्रयास की बेहद सराहना की।
उन्होंने स्वयं सहायता समूहों के स्टाल से खरीददारी भी की। वहीं इस दौरान स्थानीय शिल्प को प्रोत्साहन देने के लिए मिट्टी के बर्तन तैयार करने का लाइव डेमो भी किया गया। मिलेट ईयर के तहत मोटे अनाज से तैयार होने वाले उत्पादों को किया प्रोत्साहित अंतरराष्ट्रीय मिलेट ईयर-मोटा अनाज वर्ष के तहत सुल्तानपुर बर्ड सेंचुरी में हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े स्वयं सहायता समूहों की सदस्य महिलाओं ने बाजरे के बिस्किट, ज्वार की नमकीन व रागी के चिप्स आदि भी परोसे।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा मिलेट्स स्टॉल भी लगाई गई थी। उप निदेशक कृषि डा. अनिल तंवर ने डेलिगेट्स को मोटे अनाज जैसे कि बाजरा, रागी, ज्वार, सामक आदि के महत्व व पोषक तत्वों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। विदेशी मेहमानों में मोटे अनाज से तैयार उत्पादों का जायका भी लिया और अपने-अपने देशों में प्रोत्साहन देने की बात भी कही।
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