Advertisement
बिजनौर के खेत में मादा तेंदुए का शव बरामद, जांच शुरू
बिजनौर । उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के हीमपुर दीपा थाना क्षेत्र के छाछरी टीप गांव में स्थित वृहद कान्हा गो संरक्षण केंद्र के पास किसान बाला देवी के खाली खेत में 3 वर्षीय मादा तेंदुआ मृत पाया गया। तेंदुए को किसी वाहन ने टक्कर मारी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। वन अधिकारी ने शनिवार को बताया कि ग्रामीणों की सूचना के छाछरी टीप गांव में स्थित वृहद कान्हा गो संरक्षण केंद्र के पास जंगल में एक मादा तेंदुआ का शव मिला है। संभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) अनिल कुमार पटेल ने बताया कि शुक्रवार को बरामद तेंदुआ के शव को देखने से लगता है कि उम्र करीब तीन साल है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा गठित पैनल ने शव का पोस्टमार्टम कराया गया। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मादा तेंदुआ के दाए तरफ गर्दन एवं चेहरे से आतंरिक खून श्राव एवं श्वास नली क्षति ग्रस्त पाया गया। मादा तेंदुआ की मृत्यु के कारणों की विस्तृत जांच के लिए सैंपल आईवीआरआई बरेली भेजे गए हैं। पोस्टमार्टम के बाद तेंदुआ के शव को जला दिया गया।
डीएफओ ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है की किसी वाहन की टक्कर से मादा तेंदुआ की मौत हुई है। घटना की जांच की जा रही है। उन्होंने वाहन चालकों से अपील है कि बिजनौर वन्यजीव बहुल क्षेत्र है, वाहन को सावधानीपूर्वक चलाएं तथा वन्यजीवों के संरक्षण में सहयोग दें।
संभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) अनिल कुमार पटेल के मुताबिक, बिजनौर में जनवरी 2022 से यह 10वें तेंदुए की मौत है।
उन्होंने कहा कि जब तापमान बढ़ता है, तो ये तेंदुए पानी की तलाश में मानव आवास की ओर बढ़ते हैं, जिससे क्षेत्र में मानव-पशु संघर्ष के मामलों में वृद्धि होती है।
डीएफओ ने कहा, "यह हमारे लिए बहुत बड़ी चिंता की बात है कि इस वर्ष फरवरी से जिले में 10 तेंदुओं की मौत हो चुकी है। तीन सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए हैं, एक ट्रेन दुर्घटना में और चार गन्ने के खेतों में मृत पाए गए। एक तेंदुआ ग्रामीणों द्वारा मारा गया था और दूसरा एक गहरे कुएं में मृत पड़ा मिला था। हालांकि, हमारी टीमों ने पिछले आठ महीनों में आठ शावकों को बचाया है और उन्हें उनकी मां से मिला दिया है।"
--आईएएनएस
डीएफओ ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है की किसी वाहन की टक्कर से मादा तेंदुआ की मौत हुई है। घटना की जांच की जा रही है। उन्होंने वाहन चालकों से अपील है कि बिजनौर वन्यजीव बहुल क्षेत्र है, वाहन को सावधानीपूर्वक चलाएं तथा वन्यजीवों के संरक्षण में सहयोग दें।
संभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) अनिल कुमार पटेल के मुताबिक, बिजनौर में जनवरी 2022 से यह 10वें तेंदुए की मौत है।
उन्होंने कहा कि जब तापमान बढ़ता है, तो ये तेंदुए पानी की तलाश में मानव आवास की ओर बढ़ते हैं, जिससे क्षेत्र में मानव-पशु संघर्ष के मामलों में वृद्धि होती है।
डीएफओ ने कहा, "यह हमारे लिए बहुत बड़ी चिंता की बात है कि इस वर्ष फरवरी से जिले में 10 तेंदुओं की मौत हो चुकी है। तीन सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए हैं, एक ट्रेन दुर्घटना में और चार गन्ने के खेतों में मृत पाए गए। एक तेंदुआ ग्रामीणों द्वारा मारा गया था और दूसरा एक गहरे कुएं में मृत पड़ा मिला था। हालांकि, हमारी टीमों ने पिछले आठ महीनों में आठ शावकों को बचाया है और उन्हें उनकी मां से मिला दिया है।"
--आईएएनएस
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
बिजनौर
उत्तर प्रदेश से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement