दिल्ली के रोहिणी में साइबर पुलिस ने चोरी के फोन से ठगी करने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार

इस मामले में तीन आरोपियों सचिन (35), निवासी सेक्टर 22, रोहिणी; करूराज उर्फ अमरजीत (21), निवासी रिठाला, सेक्टर 5, रोहिणी; और आकाश उर्फ विशाल उर्फ केडी (28), निवासी पूठ कलां को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से तीन मोबाइल फोन, 17 हजार रुपए नकद, और एक रजिस्टर बरामद किया है, जिसमें ठगी के खातों की जानकारी दर्ज थी।
मामला तब सामने आया जब एक शिकायतकर्ता ने एनसीआरपी पोर्टल पर शिकायत दर्ज की कि 4 अप्रैल 2025 को उनका फोन खोने के बाद उनके बैंक खाते से 1,36,210 रुपए की ठगी हुई है। इसके आधार पर साइबर थाना रोहिणी में एफआईआर दर्ज की गई। जांच के लिए इंस्पेक्टर प्रवीण चौहान की अगुवाई में एक टीम बनाई गई, जिसमें एसआई अजीत सिंह, एचसी मनोज, नवीन, सतीश और डब्ल्यू/एचसी प्रज्ञा शामिल थे। टीम की निगरानी एसीपी ईश्वर सिंह ने की।
जांच में पता चला कि ठगी की रकम रोहिणी के विभिन्न एटीएम से निकाली गई थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें दो लोग पैसे निकालते दिखे। स्थानीय मुखबिर की मदद से उनकी पहचान सचिन और आकाश के रूप में हुई। छापेमारी के दौरान सचिन ने भागने की कोशिश की, लेकिन उसे पकड़ लिया गया।
पूछताछ में सचिन ने बताया कि वह आकाश के साथ मिलकर ठगी करता था। आकाश 'मूल अकाउंट' की व्यवस्था करता था, और सचिन रोहिणी के एटीएम से पैसे निकालता था। आरोपियों ने खुलासा किया कि करूराज, जो रिठाला में सीएससी केंद्र चलाता है, 'मूल अकाउंट' उपलब्ध कराता था। वह इंडियन ओवरसीज बैंक का अधिकृत एजेंट है और बिना लोगों की जानकारी के उनके दस्तावेजों से खाते खोलता था।
करूराज एक स्थानीय चोर से चोरी के फोन लेता था, जिनका इस्तेमाल ठगी के लिए किया जाता था। पुलिस ने करूराज को भी गिरफ्तार किया, जो शुरू में जांच में गुमराह करने की कोशिश करता रहा। पुलिस ने इस मामले को 14 साइबर पोर्टल शिकायतों से जोड़ा है।
डीसीपी राजीव रंजन ने बताया कि यह गिरफ्तारी साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी सफलता है। जांच अभी जारी है ताकि गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगाया जा सके।
--आईएएनएस
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