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तीन साल की बच्ची से दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा
अपर जिला जज मोहम्मद नसीम ( विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट) ने फांसी की सजा सुनाई। विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो कोर्ट के सरकारी वकील मनीष श्रीवास्तव का कहना है कि चार वर्ष पुराने एक केस में दुष्कर्म के मामले में अदालत ने सुनवाई कर आरोपी को दोषी ठहराया और फांसी की सजा सुनाई है। दोषी बच्ची का रिश्तेदार है।
अदालत ने इसे जघन्य अपराध मानते हुए दोषी को फांसी पर लटकाने की सजा दी है। बच्ची की हालत आज भी गंभीर बनी हुई है।
क्षेत्राधिकारी शिल्पा कुमारी ने बताया कि मामलेे में पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई हुई। वकील ने बताया कि करीब चार साल चले इस मुकदमे में अभियोजन पक्ष की दलील और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने मामले को जघन्य अपराध मानते हुए मृत्यु दंड की सजा सुनाई।
दोषी बालिका का सगा चाचा है। दुष्कर्म की वारदात के बाद से आज भी बालिका की हालत खराब है और उसका उपचार चल रहा है। सरकारी अधिवक्ता मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में करीब चार साल चली कानूनी लड़ाई में आठ गवाहों के बयान और ठोस साक्ष्य अदालत में प्रस्तुत किए गए।
इनमें मासूम की गवाही सबसे महत्वपूर्ण रही। आरोपी पक्ष के वकील रामेंद्र सिंह तोमर ने भी आरोपी के पक्ष में दलीलें दी। लेकिन, अभियोजन पक्ष की ठोस पैरवी और साक्ष्यों के आधार पर न्यायाधीश ने मासूम के साथ दुष्कर्म के आरोपी ईश्वर पाल को मृत्यु दंड और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
बता दें कि सांडी थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी तीन साल की बच्ची के साथ आरोपी ने 28 जुलाई 2020 की शाम सात बजे गांव में ही दुष्कर्म किया था। चार साल तक मामले की सुनवाई चलने के बाद अपर जिला जज ने आरोपी को दोषी करार दिया और सजा सुनाई।
--आईएएनएस
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