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सहकारी साख व्यवस्था में सुधार के लिए सहकार नेता आमेरा ने नाबार्ड डीएमडी से की मुलाकात

khaskhabar.com: शनिवार, 21 जून 2025 11:48 PM (IST)
सहकारी साख व्यवस्था में सुधार के लिए सहकार नेता आमेरा ने नाबार्ड डीएमडी से की मुलाकात
जयपुर। ऑल राजस्थान कोआपरेटिव बैंक एम्पलाईज यूनियन, ऑल राजस्थान कोआपरेटिव बैंक ऑफ़िसर्स एसोसिएशन के प्रांतीय महासचिव, सहकारी साख समितियां एम्पलाईज यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष और ऑल इंडिया कोआपरेटिव बैंक एम्पलाईज फेडरेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सहकार नेता सूरज भान सिंह आमेरा ने आज नाबार्ड मुंबई प्रधान कार्यालय से जयपुर आए उप प्रबंध निदेशक (डीएमडी) गोवर्धन सिंह रावत से मुलाकात की। गोवर्धन सिंह रावत सहकारी व ग्रामीण बैंक की वर्कशॉप के उद्घाटन और संबोधन के लिए जयपुर में होटल ललित में मौजूद थे।

अपनी व्यस्त दिनचर्या के बावजूद, डीएमडी गोवर्धन सिंह रावत ने सहकार नेता आमेरा से मुलाकात की, जहां आमेरा ने प्रदेश के सहकारी बैंक और पैक्स कर्मियों की ओर से उनका पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। इस मुलाकात में नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय राजस्थान के मुख्य महाप्रबंधक भी उपस्थित रहे।
आमेरा ने डीएमडी को पैक्स से लेकर शीर्ष तक के सहकारी साख ढांचे, व्यवस्था और बैंकिंग में सुधार के लिए संगठन की ओर से एक 11 सूत्री मांग और सुझाव का ज्ञापन सौंपा, जिसमें नाबार्ड से प्रभावी निर्णय लेने का आग्रह किया गया। रावत ने आमेरा के साथ विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की और उन पर नाबार्ड के पक्ष से अवगत कराया। डीएमडी ने संगठन की चिंताओं पर सहमति व्यक्त करते हुए नेतृत्व के विचारों की सराहना की।
सहकार नेता आमेरा ने नाबार्ड से अल्पकालीन सहकारी व्यवस्था में प्रशासनिक सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण माँगें रखीं। इनमें रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित योग्य और उचित मानदंड आधारित प्रबंध निदेशक नियुक्त करने, ढाँचागत सुधार के लिए टू-टियर सहकारी बैंकिंग व्यवस्था लागू कर "एक राज्य एक सहकारी बैंक" बनाने, पैक्स के सुदृढ़ीकरण और कम्प्यूटरीकरण के लिए रिक्त पदों पर कंप्यूटर ज्ञान रखने वाले कुशल युवा भर्ती करने, सहकारिता से समृद्धि के लिए पैक्स कर्मियों का कैडर गठन, सेवा सुरक्षा व कल्याण की मानव संसाधन नीति लागू करने, सहकारी बैंक व पैक्स की आर्थिक मजबूती के लिए रियायती ब्याज दर पर 50% पर्याप्त ऋण पुनर्वित्त करने की मांग शामिल थी।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने अल्पकालीन फसली ऋण नीति अप्रैल माह में ही समय पर जारी करने, राज्य सरकार में ऋण माफी के बकाया ब्याज राशि भुगतान का शत-प्रतिशत प्रावधान में शिथिलता देकर सीआरएआर 4% तक पुनर्वित्त के लिए मान्य करने, सहकारी बैंकों में डिजिटलाइजेशन और तकनीकीकरण कर आधुनिक बैंकिंग सुविधाओं के लिए आर्थिक मदद करने, पैक्स व सीसीबी के टुकड़े विभाजन कर नई-नई आर्थिक कमजोर पैक्स व सीसीबी बनाने पर पुनर्विचार करने, सहकारी बैंकों के लिए स्वीकृत अधिकतम ऋण सीमा में वाणिज्यिक बैंकों के समान बढ़ोतरी करने, अन्य बैंकों की जमाओं को एनडीटीएल में शामिल नहीं नहीं करने और संस्था को देय ब्याज अनुदान 1.50% की जगह 3% करने जैसे मुद्दों पर भी समाधान की मांग की। नाबार्ड ने अपने स्तर से संबंधित मुद्दों पर सकारात्मक कार्यवाही का विश्वास दिलाया। वार्ता के उपरांत आमेरा ने उनकी सुखद यात्रा की कामना करते हुए धन्यवाद दिया।

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