जोधपुर में रेजिडेंट डॉक्टरों का पूर्ण कार्य बहिष्कार, डॉ. राकेश और डॉ. रवि की मौत के मामलों में कार्रवाई नहीं होने से नाराजगी

रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (RDA) का कहना है कि डॉ. राकेश के सुसाइड मामले में प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इससे पहले मंगलवार और गुरुवार को डॉक्टरों ने दो घंटे की पेनडाउन हड़ताल भी की थी।
एसोसिएशन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि डॉ. राकेश ने आत्महत्या से पहले एक वीडियो में स्पष्ट तौर पर मानसिक उत्पीड़न और प्रशासनिक दबाव को आत्महत्या का कारण बताया था। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से दोषी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपनी चार प्रमुख मांगें रखी हैं जिनमें आरोपित व्यक्ति को पद से हटाना, स्वतंत्र जांच समिति का गठन, आंतरिक जांच समिति की प्रगति रिपोर्ट साझा करना और डॉक्टरों के मानसिक स्वास्थ्य व कार्य वातावरण में सुधार शामिल हैं।
एसोसिएशन के महासचिव रणजीत चौधरी ने कहा कि जब तक मांगे नहीं मानी जाएंगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन का इस गंभीर मुद्दे पर चुप रहना दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे चिकित्सा तंत्र में विश्वास टूट रहा है।
इस बीच, मथुरादास माथुर अस्पताल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉ. गणपत चौधरी ने बताया कि रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के बावजूद अस्पताल में व्यवस्थाएं सामान्य हैं। सीनियर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाकर सेवाएं सुचारु रखी जा रही हैं।
शास्त्री नगर थानाधिकारी जुल्फिकार अली ने कहा कि अस्पताल में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि मरीजों और उनके परिजनों को कोई असुविधा न हो।
गौरतलब है कि डॉ. राकेश ने 13 जून को जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या का प्रयास किया था। हालत बिगड़ने पर उन्हें जयपुर रेफर किया गया, जहां 14 जून की रात उनकी मौत हो गई। मरने से पहले रिकॉर्ड किए गए वीडियो में उन्होंने विभाग के एचओडी पर थीसिस को लेकर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था।
वहीं उदयपुर में भी रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. रवि शर्मा की मौत के मामले में उचित कार्रवाई की मांग की जा रही है।
रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि जब तक प्रशासन ठोस कदम नहीं उठाएगा, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
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