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बाढ़ रोकथाम संबंधी प्रबंध 30 जून तक मुकम्मल करेंः मुख्यमंत्री
चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे राज्यभर में ड्रेनों की सफ़ाई और बाढ़ रोकथाम संबंधी प्रबंध 30 जून से पहले-पहले मुकम्मल कर लें। राज्य में चल रहे बाढ़ रोकथाम कार्यों का जायज़ा लेने के लिए प्रांतीय बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ड्रेनों की कुल लंबाई 8136.76 किलोमीटर और धुस्सी बन्हां की लंबाई 1365 किलोमीटर है।
उन्होंने बताया कि साल 2022 में ड्रेनों की सफ़ाई के 232 कार्यों पर 34.85 करोड़ रुपए और 100 बाढ़ रोकथाम कार्यों पर 48.32 करोड़ रुपए ख़र्च किए गए हैं। इस साल बाढ़ रोकथाम कार्यों पर अब तक 39.90 करोड़ रुपए और ड्रेनों की सफ़ाई पर 39.43 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहाकि राज्य के सभी जिलों में काम चल रहा है। पुलों के नीचे जल स्रोतों की सफ़ाई और जल स्रोतों में से कीचड़ निकालने के साथ-साथ बारिश के कारण अक्सर बाढ़ की संभावना वाले स्थानों को मज़बूत करने का काम शुरू कर दिया गया है।
राज्यभर के डिप्टी कमिश्नरों के साथ तालमेल करके उनको बाढ़ रोकथाम के कार्यों की बाकायदा निगरानी करने के लिए कहा गया है। बाढ़ के कारण मानवीय जानें, पशुधन, जायदाद और खड़ी फसलों के हुए भारी नुकसान पर चिंता ज़ाहिर करते हुए उन्होंने विभाग को हिदायत की कि पिछले समय के दौरान आई बाढ़ों की संभावना को ख़त्म करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहाकि इसलिए चैक डैमों के निर्माण, वृक्ष लगाने, ख़ासकर बांस और अन्य पौधे लगाने को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहाकि यह खुशी की बात है कि चैक डैमों के निर्माण के लिए 485 स्थानों को चिन्हित किया गया है। 151 ऐसे चैक डैम पहले ही बनाए जा चुके हैं। डैमों के निर्माण के लिए अन्य स्थानों की पहचान भी की जा रही है और 66.73 किलोमीटर की जगह पर बाँस के पौधे भी लगाए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दक्षिण-पश्चिमी पंजाब में बाढ़ को रोकने के लिए राज्य सरकार ने कुछ ड्रेनों के रास्ते को दुरुस्त करने, निचले इलाकों को नहरों के साथ जोडऩे के लिए पाइपें बिछाने और पुलों को दोबारा बनाने जैसे कई प्रयास किए हैं। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि वह सरकारी फंडों के अधिक से अधिक प्रयोग को सुनिश्चित बनाकर काम को उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा करने को सुनिश्चित बनाएं। पंजाब सरकार लोगों को बाढ़ की मार से बचाने के लिए वचनबद्ध है, जिसके लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।
उन्होंने बताया कि साल 2022 में ड्रेनों की सफ़ाई के 232 कार्यों पर 34.85 करोड़ रुपए और 100 बाढ़ रोकथाम कार्यों पर 48.32 करोड़ रुपए ख़र्च किए गए हैं। इस साल बाढ़ रोकथाम कार्यों पर अब तक 39.90 करोड़ रुपए और ड्रेनों की सफ़ाई पर 39.43 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहाकि राज्य के सभी जिलों में काम चल रहा है। पुलों के नीचे जल स्रोतों की सफ़ाई और जल स्रोतों में से कीचड़ निकालने के साथ-साथ बारिश के कारण अक्सर बाढ़ की संभावना वाले स्थानों को मज़बूत करने का काम शुरू कर दिया गया है।
राज्यभर के डिप्टी कमिश्नरों के साथ तालमेल करके उनको बाढ़ रोकथाम के कार्यों की बाकायदा निगरानी करने के लिए कहा गया है। बाढ़ के कारण मानवीय जानें, पशुधन, जायदाद और खड़ी फसलों के हुए भारी नुकसान पर चिंता ज़ाहिर करते हुए उन्होंने विभाग को हिदायत की कि पिछले समय के दौरान आई बाढ़ों की संभावना को ख़त्म करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहाकि इसलिए चैक डैमों के निर्माण, वृक्ष लगाने, ख़ासकर बांस और अन्य पौधे लगाने को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहाकि यह खुशी की बात है कि चैक डैमों के निर्माण के लिए 485 स्थानों को चिन्हित किया गया है। 151 ऐसे चैक डैम पहले ही बनाए जा चुके हैं। डैमों के निर्माण के लिए अन्य स्थानों की पहचान भी की जा रही है और 66.73 किलोमीटर की जगह पर बाँस के पौधे भी लगाए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दक्षिण-पश्चिमी पंजाब में बाढ़ को रोकने के लिए राज्य सरकार ने कुछ ड्रेनों के रास्ते को दुरुस्त करने, निचले इलाकों को नहरों के साथ जोडऩे के लिए पाइपें बिछाने और पुलों को दोबारा बनाने जैसे कई प्रयास किए हैं। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि वह सरकारी फंडों के अधिक से अधिक प्रयोग को सुनिश्चित बनाकर काम को उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा करने को सुनिश्चित बनाएं। पंजाब सरकार लोगों को बाढ़ की मार से बचाने के लिए वचनबद्ध है, जिसके लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।
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