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कॉमन सर्विस सेंटर सरकार और जनता के बीच मजबूत कड़ीः मनोहर लाल
मुख्यमंत्री करनाल से ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के संचालकों से सीधा संवाद कर रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सीएससी संचालकों से उनके अनुभवों को भी जाना। मुख्यमंत्री ने सीएससी संचालकों से योजनाओं के लिए डेटा अपलोड करने से संबंधित जानकारी मांगी तो कुछ सीएससी संचालकों ने कहाकि कई बार उनके स्तर पर पोर्टल पर डाटा दर्ज करने में गलती हो जाती है, जिससे पात्र लाभार्थी को देरी से लाभ मिलता है।
इस पर मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि यदि सीएससी स्तर पर अपलोड किए गए डाटा में किसी भी प्रकार की गलती होती है तो उस गलती को 48 घंटों के अंदर दुरुस्त किया जाए ताकि लोगों को सेवाओं के लिए लंबा इंतजार न करना पड़े। सीएससी संचालकों ने 60 वर्ष की आयु से अधिक नागरिकों की आयु सत्यापन का विषय भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। इस पर मुख्यमंत्री ने बताया कि 58 से 60 वर्ष की आयु की सत्यापन की प्रक्रिया सुगमता से चल रही है और 60 वर्ष आयु वर्ग से अधिक की सत्यापन प्रक्रिया भी सरकार जल्दी शुरू करेगी।
सुशासन के नाते से विभागों की लगभग साढ़े 500 से अधिक योजनाओं और सेवाओं को ऑनलाइन नागरिकों तक पहुंचाया जा रहा है। ये सिर्फ सीएससी के माध्यम से ही संभव हो पाया है। सीएससी सरकार और जनता के बीच कड़ी का काम कर रहे हैं। प्रदेश में लगभग 13 हजार सक्रिय सामान्य सेवा केन्द्र संचालित हैं। इन केन्द्रों में विभिन्न प्रकार की 12,938 सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इनसे जहां प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिला है, वहीं नागरिकों को अपने घर के नजदीक ही सभी सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध हुई हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में सीएससी के माध्यम से 1 करोड़ 72 लाख 39 हजार ट्रांजेक्शन हुई हैं।
डिजिटल इंडिया ईज ऑफ लिविंग में महत्वपूर्णः
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल डिजिटल इंडिया सप्ताह का शुभारंभ किया था। उन्होंने कहा था कि डिजिटल इंडिया ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को मजबूती देने वाला है। डिजिटल इंडिया विज़न को सफल बनाने के लिए ईज ऑफ लिविंग की दिशा में हरियाणा सरकार जनता को घर बैठे ही सरकारी योजनाओं का लाभ दे रही है। इस कार्य में कॉमन सर्विस सेंटर का काफी सहयोग मिला है।
पीपीपी से 64 हजार से अधिक बुजुर्गों को दिया पेंशन का लाभः
मनोहर लाल ने कहा कि परिवार पहचान पत्र से 64 हजार से अधिक बुजुर्गों को घर बैठे पेंशन देने का काम किया है। परिवार पहचान पत्र के डेटा का उपयोग कर आयुष्मान चिरायु योजना के तहत लगभग 75 लाख चिरायु कार्ड बनाए जा चुके हैं। पिछले लगभग 5 माह में 9 लाख 36 हजार गरीबों के स्वास्थ्य की जांच की गई तथा लगभग 62 लाख लैब टैस्ट किये गये हैं। लगभग 32 लाख परिवारों को घर बैठे आटोमैटिक ढंग से एक बी.पी.एल. कार्ड निःशुल्क बनाए गए हैं।
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