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आजम खां के स्कूल के फर्जी कागजात के आरोप में लिपिक गिरफ्तार

रामपुर (उप्र)। उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग के एक लिपिक को समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां के जौहर ट्रस्ट द्वारा चलाए जा रहे रामपुर पब्लिक स्कूल को बोर्ड से मान्यता हासिल करने को फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। रामपुर पुलिस के अनुसार, क्लर्क तौफीक अहमद ने इस तथ्य के बावजूद जिला शिक्षा विभाग से स्कूल के लिए मान्यता का प्रमाण पत्र प्राप्त करने में ट्रस्ट की मदद की थी कि स्कूल एक अनाथालय की भूमि पर बनाया गया था और रामपुर नगर निगम द्वाराभवन बनाने की अनुमति नहीं दी गई थी।
पुलिस ने कहा कि अहमद ने रामपुर पब्लिक स्कूल के आवेदन को मंजूरी देने के लिए दूसरे स्कूल को जारी किए गए अग्निशमन विभाग के एनओसी का भी दुरुपयोग किया था।
रामपुर के पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने कहा, तौफीक अहमद पर जाली दस्तावेज बनाने के लिए मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने जमानत के लिए आवेदन किया था, लेकिन अदालत ने इससे इनकार कर दिया, इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) की भूमिका भी जांच के दायरे में है, क्योंकि स्कूल के मान्यता प्रमाण पत्र पर उनके हस्ताक्षर हैं। दोषी पाए जाने पर उन्हें भी इसी तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
स्कूल भवन को ट्रस्ट को 100 रुपये वार्षिक शुल्क पर 33 साल के लिए लीज पर दिया गया था। इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि लीज की अवधि को दो बार 33-33 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।
जिला प्रशासन द्वारा इस साल मार्च में लीज को समाप्त कर दिया गया था और संस्थान को खाली करा लिया गया था। हालांकि बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन के आदेश पर रोक लगा दी थी।(आईएएनएस)
पुलिस ने कहा कि अहमद ने रामपुर पब्लिक स्कूल के आवेदन को मंजूरी देने के लिए दूसरे स्कूल को जारी किए गए अग्निशमन विभाग के एनओसी का भी दुरुपयोग किया था।
रामपुर के पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने कहा, तौफीक अहमद पर जाली दस्तावेज बनाने के लिए मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने जमानत के लिए आवेदन किया था, लेकिन अदालत ने इससे इनकार कर दिया, इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) की भूमिका भी जांच के दायरे में है, क्योंकि स्कूल के मान्यता प्रमाण पत्र पर उनके हस्ताक्षर हैं। दोषी पाए जाने पर उन्हें भी इसी तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
स्कूल भवन को ट्रस्ट को 100 रुपये वार्षिक शुल्क पर 33 साल के लिए लीज पर दिया गया था। इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि लीज की अवधि को दो बार 33-33 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।
जिला प्रशासन द्वारा इस साल मार्च में लीज को समाप्त कर दिया गया था और संस्थान को खाली करा लिया गया था। हालांकि बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन के आदेश पर रोक लगा दी थी।(आईएएनएस)
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