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पराली जलाने पर केंद्र सरकार सख्तः किसानों को 5 एकड़ से ज्यादा जमीन पर अब देना होगा 30 हजार रुपए जुर्माना
केंद्र सरकार के 'वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग' ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इसके आसपास के इलाकों में 'एनवायरमेंटल कंपेंसेशन फॉर स्टबल बर्निंग संशोधन कानून' के प्रावधानों को लागू कर दिया है। इस कानून में पराली जलाने पर जुर्माने और फंड के इस्तेमाल के प्रावधान बताए गए हैं। इसके तहत जिन किसानों के पास दो एकड़ से कम जमीन है, उन्हें पराली जलाने पर पर्यावरणीय जुर्माने के रूप में पांच हजार रुपये देने होंगे। वहीं जिन किसानों के पास दो से पांच एकड़ जमीन है और वे पराली जलाते पाए जाते हैं तो उन पर जुर्माना 10 हजार रुपये होगा।
हरियाणा सरकार पहले ही पराली जलाने वाले किसानों पर मुकदमा दर्ज करवाने के आदेश लागू कर चुकी है केंद्र सरकार द्वारा जुर्माना राशि दोगुनी करने के फैसले के खिलाफ अंबाला के किसानों में भारी रोष देखने को मिल रहा है। किसान सरकार के इस फैसले के खिलाफ विरोध जाहिर कर रहे है।
किसानों का कहना है कि पराली जलाना हमारा शौंक नहीं मजबूरी है। सरकार पराली प्रबंधन करने में किसानों की मदद करने का दिखावा मात्र करती है सरकार खुद हमारी पराली का प्रबंधन करवा दे। हमें सरकार से कोई प्रोत्साहन राशि नहीं चाहिए।
किसानों का कहना है कि हमारे खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाना और दोगुना जुर्माना वसूलना निंदनीय है। सरकार इसे तुरंत वापिस है नहीं तो हमें मजबूरन विरोध प्रदर्शन और आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। किसानों का कहना है कि सरकार और बाकी आयोग फैक्ट्रियों के प्रदूषण पर चुप क्यों है सबको सिर्फ किसानों की जलती पराली ही क्यों दिखती है।
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