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सावधान! मुन्ना बजरंगी कैमरे की नज़र में है

khaskhabar.com : शुक्रवार, 14 अप्रैल 2017 4:00 PM (IST)
सावधान! मुन्ना बजरंगी कैमरे की नज़र में है

नीरज कुमार ,पीलीभीत। पूर्वांचक का माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी अब कैमरे की नज़र में रहेगा । बैरक में निगरानी के लिए अब सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इस संबंध में एसपी ने आदेश के बाद जेल प्रशासन इस कवायद में जुट गया है।झांसी जेल से बदली होकर पीलीभीत आए मुन्ना बजरंगी पर शिकंजा कसने को जेल में पीएसी तो तैनात कर ही दी गई है। उसकी गतिविधि सीसीटीवी कैमरे में रहने वाली है। जल्द ही मुन्ना बजरंगी से बुधवार को उसके कुछ परिजन मिलने आए थे। रिश्तेदारों की गाड़ी बैरियर से आगे जेल गेट के पास खड़ी थी। इसी दौरान डीएम और एसपी निरीक्षण के लिए पहुंच गए। अंदर गाड़ी खड़ी होने पर गाड़ी सीज कर दी गई।


मुन्ना अपना बना खाना खाता है

मुन्ना बजरंगी अपना खाना खुद ही बनाता है। जेल प्रशासन की ओर से उसे सारा सामान उपलब्ध करा दिया जाता है। उसके बाद वह अपना खाना खुद ही पकाता और खाता है। वहीं उसके बैरक में टीवी, कूलर आदि लगे हैं। पीने के पानी के लिए आरओ भी मंगवा लिया गया है। जल्द ही उसे फिट कर दिया जाएगा। इसके बाद वह पानी भी आरओ का ही पीएगा। यह सब कोर्ट के आदेश पर हो रहा है। यह सारी सुविधाएं उसे पूर्व से उपलब्ध थी।


पीलीभीत जेल में इससे पहले माफिया डॉन त्रिभुवन सिंह भी करीब सात साल तक बंद रहा था। लेकिन उसे यह सारी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी। अभी कुछ महीने पहले ही त्रिभुवन की जेल बदल दी गई। इसके बाद मुन्ना बजरंगी को यहां लाया गया है। बताया जाता है कि त्रिभुवन और मुन्ना बजरंगी के अलग अलग गैंग हैं। इसमें आपस में छत्तीस का आंकड़ा है।



बिना पड़ताल के दे दिए मोबाइल
एसपी ने गाड़ी तो सीज करा दी, लेकिन गाड़ी में जो 15 मोबाइल मिले थे, उसके बारे में पर्याप्त पड़ताल नहीं की। सिर्फ एक आईडी पर सारे मोबाइल दे दिए गए।

जेल सूत्रों के अनुसार मुन्ना बजरंगी को यह बात नहीं बताई गई है कि उसके परिजन जो उससे मिलने आए थे, उनकी गाड़ी सीज कर दी गई है। जेल के किसी अधिकारी कर्मचारी से उसने इस संबंध में कोई बात नहीं की।


कई बीमारियां से पीड़ित है मुन्ना
मुन्ना बजरंगी कई बीमारियां से पीड़ित है। इज़के लिए उसे दिन में कई बार दवाई खानी पड़ती है। उसका इलाज भी मेडिकल कालेज में चल रहा है। समय समय पर उसे मेडिकल कालेज भी ले जाना पड़ता है। इस बार उसे पीलीभीत जेल से या तो मेरठ ले जाया जाएगा या फिर लखनऊ मेडिकल कालेज में दिखाना पड़ेगा। पुलिस के लिए यह काम भी किसी चुनौती से कम नहीं है।

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