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राजस्थान में धर्मांतरण रोकने के लिए फिर से लाया जाएगा विधेयक
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में प्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक विकास को गति देने के लिए 9 नई नीतियों के अनुमोदन, 7वें राज्य वित्त आयोग के गठन, बीकानेर और भरतपुर में विकास प्राधिकरणों के गठन के लिए अध्यादेश लाने, खेमराज समिति की सिफारिशों के अनुरूप राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम-2017 में संशोधन, विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन, द राजस्थान प्रोहेबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलिजन बिल 2024 लाने सहित प्रदेश के विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए। ऐसा कानून पहले भी लाया गया था। लेकिन, राष्ट्रपति के यहां से विधेयक वापस ले लिया था। उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा एवं विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने मीडिया को बताया कि राज्य में औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाने, प्रदेश को एक्सपोर्ट हब बनाने, स्थानीय पर्यटन, छोटे उद्योगों, स्थानीय शिल्प एवं कारीगरी, हथकरघा एवं एक जिला एक उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान एमएसएमई नीति, निर्यात संवर्द्धन नीति, एक जिला एक उत्पाद नीति, राजस्थान पर्यटन इकाई नीति एवं एकीकृत क्लस्टर विकास योजना को मंजूरी दी गई।
विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि प्रलोभन अथवा कपटपूर्वक धर्मान्तरण के प्रयासों को रोकने के लिए “दि राजस्थान प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन बिल-2024“ विधानसभा में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी राज्य में अवैध रूप से धर्मान्तरण को रोकने के सम्बन्ध में कोई विशिष्ट कानून नहीं है, इसलिए मंत्रिमण्डल की बैठक में विचार कर इसके प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि कैबिनेट ने भरतपुर और बीकानेर में विकास प्राधिकरणों के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है, इनके गठन के लिए भरतपुर विकास प्राधिकरण अध्यादेश-2024 और बीकानेर विकास प्राधिकरण अध्यादेश-2024 लाए जाएंगे। इन शहरों में विकास प्राधिकरण बनने से यहां विकास सुव्यवस्थित और नियोजित ढंग से हो सकेगा। उन्होंने बताया कि बीकानेर विकास प्राधिकरण में नगर विकास न्यास बीकानेर के वर्तमान क्षेत्र के अलावा नापासर व देशनोक तथा आस-पास के 185 गांव सम्मिलित किए जाएंगे। भरतपुर विकास प्राधिकरण में नगर विकास न्यास भरतपुर के वर्तमान क्षेत्र के साथ-साथ 209 गांव शामिल किए जाएंगे।
कर्मचारियों की वेतन विसंगति होंगी दूर, खेमराज समिति की सिफारिशें मंजूरः
डॉ. बैरवा ने बताया कि सेवानिवृत्त आईएएस श्री खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में गठित कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति की वेतन विसंगति दूर करने, वेतन सुधारों तथा पदोन्नति के अतिरिक्त अवसर उपलब्ध कराने संबंधी सिफारिशों को मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की है। उल्लेखनीय है कि वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने वेतन विसंगतियों एवं वेतन सुधार सम्बन्धी सिफारिशों को दिनांक 1 सितम्बर, 2024 से लागू करने की घोषणा की थी।
पर्यटन में नई संभावनाओं के द्वार खोलेगी राजस्थान पर्यटन इकाई नीति-2024ः
पटेल ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में अनुमोदित राजस्थान पर्यटन इकाई नीति-2024 राज्य में पर्यटन के नए संभावनाशील क्षेत्रों में निवेशकों व उद्यमियों को आकर्षित करेगी। नई नीति में इको टूरिज्म यूनिट, फिल्म सिटी, हेरिटेज रेस्टोरेंट, होटल हाउसिंग, इनडोर/आउटडोर प्ले जोन, एकीकृत पर्यटन विलेज, मोटल/वे-साइड सुविधाएं, रिसोर्ट हाउसिंग, ग्रामीण पर्यटन इकाई और पर्यटन स्टार्ट-अप्स जैसी नई पर्यटन इकाइयों को जोड़ा गया है। इस नीति में न्यूनतम 100 करोड़ रूपये का नया निवेश करने वाली पर्यटन इकाई परियोजनाओं को राजकीय भूमि आंवटित किये जाने का प्रावधान किया गया है। पर्यटन इकाई से जुड़ी या उसके अंदर आने वाली भूमि को उनकी भूमि के 10 प्रतिशत तक राजकीय भूमि कृषि या आवासीय डीएलसी दरों पर एक बार आवंटित की जा सकेगी।
राजस्थान एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति-2024ः
अक्षय ऊर्जा के राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप वर्तमान अक्षय ऊर्जा नीति, बायोमास एवं वेस्ट टू एनर्जी नीति, ग्रीन हाइड्रोजन नीति के प्रावधानों तथा ऊर्जा भण्डारण के नवीन प्रावधानों को सम्मिलित करते हुए राजस्थान एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति-2024 का अनुमोदन किया गया है।
बजरी के सस्ते विकल्प के लिए राजस्थान एम-सेण्ड नीति-2024ः
पटेल ने बताया कि केबिनेट द्वारा स्वीकृत नई एम-सेण्ड नीति में प्रदेश में एम-सेण्ड इकाइयों की स्थापना और बजरी के सस्ते विकल्प के रुप में एम-सेण्ड के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। एम-सेण्ड इकाई की स्थापना के लिए 3 साल के अनुभव, 3 करोड़ रुपए की नेटवर्थ व 3 करोड़ रुपए के टर्नओवर की बाध्यता समाप्त की गई है। ओवरबर्डन पर देय रॉयल्टी को कम कर आधा किया गया है, वहीं नीलामी के समय एम-सेण्ड यूनिट के लिए दो प्लाट रखने के स्थान पर 5 प्लाट आरक्षित कर आवंटित किया जाएगा। इसी तरह से कीननेस मनी को भी दो लाख से कम कर एक लाख किया गया है।
वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक के पद पर अनुभव का प्रावधान हटायाः
डॉ. बैरवा ने बताया कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक के पद पर सीधी भर्ती हेतु वांछित अनुभव सम्बन्धी योग्यता के प्रावधान को विलोपित करने की मंजूरी दी गई है। अब तक वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक पद पर भर्ती में प्रयोगशाला कार्य में अथवा वाटर एवं सीवरेज एनालिसिस कार्य में अनुभव रखने वालों को वरीयता दिए जाने का प्रावधान था।
आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी भर्ती अब आरपीएससी सेः
डॉ. बैरवा ने बताया कि नियमों में समरूपता लाने के उद्देश्य से आयुष विभाग में आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी के पदों पर अब आरपीएससी के माध्यम से भर्ती परीक्षा आयोजित कर चयन किया जाएगा। इस सम्बन्ध में सेवा नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गई है। अब तक आयुष विभाग में इन पदों पर भर्ती शैक्षणिक योग्यता के प्राप्तांकों व बोनस के आधार पर होती रही है।
आरएसी और एमबीसी कांस्टेबल के पदों पर शैक्षणिक योग्यता सीनियर सैकेण्डरीः
डॉ. बैरवा ने बताया कि आरएसी और एमबीसी कांस्टेबल पद पर भर्ती के लिए शैक्षणिक योग्यता में बदलाव करते हुए इसे सीनियर सैकेण्डरी किया जाएगा। इसे देखते हुए राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 के संगत नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गई है। इससे समान पात्रता परीक्षा के अंतर्गत राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा के कांस्टेबल पद के साथ ही आरएसी और एमबीसी कांस्टेबल भर्ती भी की जा सकेगी।
संविदा सेवा नियमों में संशोधनः
डॉ. बैरवा ने बताया कि राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल अपॉइन्टमेंट टू सिविल पोस्ट्स रूल्स-2022 के अंतर्गत नियुक्त कार्मिकों को भी अब राज्य कर्मचारियों की भांति ही दो तारीखों 1 जुलाई अथवा 1 जनवरी को वार्षिक पारिश्रमिक वृद्धि का लाभ मिल सकेगा। इस सम्बन्ध में की गई बजट घोषणा को पूरा करते हुए राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल अपॉइन्टमेंट टू सिविल पोस्ट्स रूल्स-2022 में संशोधन का अनुमोदन किया गया है। इस संशोधन से इन नियमों के अन्तर्गत नियुक्त कार्मिकों को प्रथम वार्षिक पारिश्रमिक वृद्धि एक वर्ष से पहले ही प्राप्त हो सकेगी तथा सभी संविदा कार्मिकों की आगामी वार्षिक पारिश्रमिक वृद्धि की दिनांक नियुक्त अवधि के अनुसार एक समान हो जायेगी।
एनटीटी अध्यापकों का कैडर राजस्थान शिक्षा सेवा नियम-2021 में शामिलः
डॉ. बैरवा ने बताया कि राजस्थान शिक्षा (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम-2021 के प्रावधानों में संशोधन कर पूर्व प्राथमिक शिक्षा अध्यापक (एनटीटी) के पदों का इसमें ग्रुप ईः प्री प्राइमरी विंग जोड़कर संवर्गीकरण किया जाएगा। इस कैडर का प्रारम्भिक पद पूर्व प्राथमिक शिक्षा अध्यापक रखा गया है। ये सभी पद 100 प्रतिशत सीधी भर्ती से भरे जाने का प्रावधान किया गया है।
पूर्व प्राथमिक शिक्षा अध्यापकों की पदोन्नति 5 वर्ष के अनुभव के बाद पूर्व प्राथमिक शिक्षा अध्यापक ग्रेड-2 पर, पूर्व प्राथमिक शिक्षा अध्यापक ग्रेड-2 की पदोन्नति 5 वर्ष के अनुभव के बाद पूर्व प्राथमिक शिक्षा अध्यापक ग्रेड-1 एवं पूर्व प्राथमिक शिक्षा अध्यापक ग्रेड-1 की पदोन्नति 5 वर्ष के अनुभव के बाद पूर्व प्राथमिक वरिष्ठ अध्यापक के पद पर हो सकेगी।
लैंड कन्वर्जन रूल्स-2007 में संशोधनः
जोगाराम पटेल ने बताया कि वर्तमान में एससी-एसटी वर्ग के व्यक्तियों को राजस्थान भू-राजस्व (ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि का अकृषि प्रयोजनार्थ संपरिवर्तन) नियम-2007 के नियम 6 (बी) का लाभ नहीं मिल पाता है। काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 42 बी के प्रावधानों के कारण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के किसान अपनी कृषि भूमि को अक्षय ऊर्जा परियोजना विकासकर्ता को लीज पर नहीं दे सकते हैं। इसे देखते हुए मंत्रिमंडल ने राजस्थान भू-राजस्व (ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि का अकृषि प्रयोजनार्थ संपरिवर्तन) नियम, 2007 में संशोधन को मंजूरी दी है।
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