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बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर उत्तर प्रदेश में होगा उत्सव
कार्यक्रम में जनजातीय जीवन की झलक देखने को मिलेगी। देश के विभिन्न हिस्सों से 300 से अधिक जनजातीय कलाकार इसमें शामिल होंगे। इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुरूप जनजाति भागीदारी उत्सव में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, सिक्किम, त्रिपुरा, असम, गुजरात, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, बिहार, मिजोरम, मेघालय, पश्चिम बंगाल और दिल्ली समेत देशों के 22 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार भाग लेंगे। इसमें जनजातीय कलाकार, हस्त शिल्पी, बुनकर, चित्रकार आदि शामिल होंगे।
स्लोवाकिया एवं क्रोएशिया के विदेशी कलाकार भी उत्सव में भाग लेंगे। जनजातीय कलाकारों के साथ-साथ घुमन्तु जातियों, नट, बहरूपिये एवं भपंग वादन, कच्ची घोड़ी, लॉगमैन, कठपुतली के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम में आदिवासी कलाकारों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प, परिधान, व्यंजन, जनजातीय खेलों के अतिरिक्त आकर्षक शिल्प से सुसज्जित 100 दुकानों का शिल्प मेला लगाया जाएगा। जनजातीय वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति एवं उनकी प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। जनजातीय हस्तशिल्प मेले में फोटो सेशन, लोक नृत्य, लोक कलाओं का अनूठा संगम दर्शकों के आकर्षण का केंद्र रहेगा। विभिन्न प्रकार की रंगोली एवं झूले आदि लगाए जाने का प्रस्ताव है।
जनजाति भागीदारी उत्सव के सफल आयोजन के लिए कार्यक्रम स्थल के साथ शहर के प्रमुख स्थानों पर होर्डिंग्स, बैनर, स्टैंडीज लगवाने एवं एलईडी वैन के जरिये व्यापक प्रचार-प्रसार करने की योजना है। उत्सव में प्रदेशवासी जनजातीय कलाकारों द्वारा निर्मित उत्पाद कपड़े, लकड़ी, जूट, मूज द्वारा निर्मित सामग्रियां एवं वन औषधि समेत अन्य उत्पादों की खरीदारी कर सकेंगे।
--आईएएनएस
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