Advertisement
बेहतर संबंध तो स्व. शेखावत के भी कांग्रेस नेता जोशी और सुखाड़िया से थे, इसका मतलब ये नहीं कि वे मिले हुए थेः वसुंधरा राजे

खाचरियावास (सीकर)। पूर्व सीएम वसुन्धरा राजे ने कहा है कि पूर्व उप राष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत उस वक्त बहुत आहत हुए, जब एक तरफ़ तो उनकी वर्ष 1996 में क्लीवलैंड में हार्ट की सर्जरी हो रही थी। दूसरी ओर जयपुर में उनकी सरकार गिराने के लिए ‘ऑपरेशन’ चल रहा था। हालाँकि कांग्रेस इसमें सफल नहीं हुई।
राजे ने कहा कि सभी दलों के राजनेताओं से भैरोंसिंह जी के मधुर सम्बंध थे। स्व.हरिदेव जोशी एसएमएस में भर्ती हुए, तब स्व. भैरोंसिंह जी सीएम थे। वे जोशी जी के पास नियमित अस्पताल जाकर उनकी कुशलक्षेम पूछते। चिकित्सकों को निर्देश देते थे। एक बार जोशी जी ने शेखावत जी से कहा आपसे मिलना है। सीएमओ आ जाऊँ ? उन्होंने मना कर दिया। लेकिन, अगले आधे घंटे में वे जोशी जी के घर पहुँच गए। जोशी जी से ही नहीं उनके पूर्व सीएम स्व. मोहन लाल सुखाडिया सहित कांग्रेस के कई नेताओं से मधुर सम्बंध थे। इसका अर्थ ये नहीं था कि वे आपस में मिले हुए थे।
जब भी संगठन की बात आती, भैरों सिंह जी चट्टान की तरह उनके ख़िलाफ़ खड़े हो जाते थे। उन्होंने कहा कि मुझे झालावाड़ भेजने के निर्णय में भैरोंसिंह जी की दूर दृष्टि थी। उन्हीं के कारण मुझे प्रदेश की पहली मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला। भैरोंसिंह जी कहते थे कि कठिन समय में व्यक्ति तप करके तो निखरता ही है, उसे अपने परायों की भी पहचान होती है।
राजे ने कहा कि सभी दलों के राजनेताओं से भैरोंसिंह जी के मधुर सम्बंध थे। स्व.हरिदेव जोशी एसएमएस में भर्ती हुए, तब स्व. भैरोंसिंह जी सीएम थे। वे जोशी जी के पास नियमित अस्पताल जाकर उनकी कुशलक्षेम पूछते। चिकित्सकों को निर्देश देते थे। एक बार जोशी जी ने शेखावत जी से कहा आपसे मिलना है। सीएमओ आ जाऊँ ? उन्होंने मना कर दिया। लेकिन, अगले आधे घंटे में वे जोशी जी के घर पहुँच गए। जोशी जी से ही नहीं उनके पूर्व सीएम स्व. मोहन लाल सुखाडिया सहित कांग्रेस के कई नेताओं से मधुर सम्बंध थे। इसका अर्थ ये नहीं था कि वे आपस में मिले हुए थे।
जब भी संगठन की बात आती, भैरों सिंह जी चट्टान की तरह उनके ख़िलाफ़ खड़े हो जाते थे। उन्होंने कहा कि मुझे झालावाड़ भेजने के निर्णय में भैरोंसिंह जी की दूर दृष्टि थी। उन्हीं के कारण मुझे प्रदेश की पहली मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला। भैरोंसिंह जी कहते थे कि कठिन समय में व्यक्ति तप करके तो निखरता ही है, उसे अपने परायों की भी पहचान होती है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
सीकर
राजस्थान से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement
Traffic
Features
