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मेडिकल कॉलेज हॉस्टल में पंखे से लटका मिला उत्तराखंड की स्टाफ नर्स का शव
बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के भोजीपुरा थाना क्षेत्र स्थित मेडिकल कॉलेज में उत्तराखंड निवासी स्टाफ नर्स ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। उसका शव हॉस्टल के रूम में पंखे से लटका मिला। पुलिस को नर्स का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के भेज दिया है। साथ ही सुसाइड नोट को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
पुलिस के मुताबिक, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ की मूल निवासी लक्ष्मी मेहता (26) पुत्री विशन सिंह मेहता ने भोजीपुरा थाना क्षेत्र स्थित मेडिकल कॉलेज से नर्सिंग का कोर्स करने के बाद यही नौकरी कर ली। आईसीयू में उसकी ड्यूटी थी। बताते हैं कि पिछले दिनों उसको टीबी हो गया। इस वजह से वह काफी परेशान थी।
बताते कि बुधवार दोपहर उसने अपने कमरे में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। देर शाम तक उसके कमरे से नहीं मिलने पर सहेलियों ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन जवाब नहीं मिलने पर वार्डन और कॉलेज प्रबंधन को जानकारी दी गई। गेट बंद होने की वजह से स्टाफ के लोगों ने खिडक़ी के शीशे से झांककर देखा तो लक्ष्मी का शव पंखे से लटका हुआ था। मामले की सूचना पुलिस को दी गई।
मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोडक़र शव को उतारा। पुलिस ने मौके से सुसाइड नोट भी बरामद किया है। इसमें उसने अपनी मौत के लिए कॉलेज प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है।
लक्ष्मी ने सुसाइड नोट में लिखा कि ‘टीबी होने के बाद कॉलेज प्रबंधन ने उसकी कोई मदद नहीं की, उसका इलाज नहीं कराया। मजबूरन उसे बरेली के जिला अस्पताल में अपना इलाज कराना पड़ा। कॉलेज प्रशासन उसका उत्पीडऩ कर रहा है।’
फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
एसपी देहात डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि लक्ष्मी की मां ने अभी तहरीर नहीं दी है। तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
भोजीपुरा स्थित एसआरएमएस में पिछले तीन सालों में तीन छात्र-छात्राएं सुसाइड कर चुके हैं। डेढ़ साल पहले भी एक एमबीबीएस छात्रा अनन्या दीक्षित ने आत्महत्या कर ली थी।
--आईएएनएस
पुलिस के मुताबिक, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ की मूल निवासी लक्ष्मी मेहता (26) पुत्री विशन सिंह मेहता ने भोजीपुरा थाना क्षेत्र स्थित मेडिकल कॉलेज से नर्सिंग का कोर्स करने के बाद यही नौकरी कर ली। आईसीयू में उसकी ड्यूटी थी। बताते हैं कि पिछले दिनों उसको टीबी हो गया। इस वजह से वह काफी परेशान थी।
बताते कि बुधवार दोपहर उसने अपने कमरे में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। देर शाम तक उसके कमरे से नहीं मिलने पर सहेलियों ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन जवाब नहीं मिलने पर वार्डन और कॉलेज प्रबंधन को जानकारी दी गई। गेट बंद होने की वजह से स्टाफ के लोगों ने खिडक़ी के शीशे से झांककर देखा तो लक्ष्मी का शव पंखे से लटका हुआ था। मामले की सूचना पुलिस को दी गई।
मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोडक़र शव को उतारा। पुलिस ने मौके से सुसाइड नोट भी बरामद किया है। इसमें उसने अपनी मौत के लिए कॉलेज प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है।
लक्ष्मी ने सुसाइड नोट में लिखा कि ‘टीबी होने के बाद कॉलेज प्रबंधन ने उसकी कोई मदद नहीं की, उसका इलाज नहीं कराया। मजबूरन उसे बरेली के जिला अस्पताल में अपना इलाज कराना पड़ा। कॉलेज प्रशासन उसका उत्पीडऩ कर रहा है।’
फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
एसपी देहात डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि लक्ष्मी की मां ने अभी तहरीर नहीं दी है। तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
भोजीपुरा स्थित एसआरएमएस में पिछले तीन सालों में तीन छात्र-छात्राएं सुसाइड कर चुके हैं। डेढ़ साल पहले भी एक एमबीबीएस छात्रा अनन्या दीक्षित ने आत्महत्या कर ली थी।
--आईएएनएस
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