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पहले ही सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की है कमी, जो हैं वे भी नदारद

बरेली। इन दिनों मौसमी बीमारियों में इजाफा होने के बावजूद डॉक्टर सरकारी अस्पतालों से गायब रहने लगे हैं। एक तरफ सरकारी अस्पतालों में वैसे ही डॉक्टरों की कमी चल रही है। ऊपर से कई डॉक्टर लंबे समय से गैरहाजिर चल रहे हैं। ऐसे दस डॉक्टरों के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया गया है।
सरकारी अस्पतालों में निर्धारित पदों में से करीब आधे डॉक्टर ही तैनात हैं। लंबे समय से नए डॉक्टर सरकारी व्यवस्था में नहीं आ रहे। दूसरी ओर मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में जिले की सीएचसी-पीएचसी में तैनात कई डॉक्टर ड्यूटी से लापता हैं। कुआंडांडा केंद्र पर तैनात एक डॉक्टर करीब तीन साल से ड्यूटी पर नहीं आया है। इसके अलावा मोरा में एक डॉक्टर दो साल से, बहेड़ी में एक डॉक्टर सवा दो साल से और दूसरा डॉक्टर दो साल से, शेरगढ़ में एक डॉक्टर, क्यारा में एक डॉक्टर, बहेड़ी में एक डॉक्टर, शीशगढ़ में एक डॉक्टर, कुआंडांडा में एक डॉक्टर और रामनगर में एक डॉक्टर करीब डेढ़ साल से ड्यूटी से गैरहाजिर हैं। इन चिकित्सकों की सूचना शासन को भेजी गई है। शासन ने आरोप पत्र जारी किए हैं। सभी डॉक्टरों को आरोप पत्र तामील करा दिए गए हैं।
सरकारी अस्पतालों में निर्धारित पदों में से करीब आधे डॉक्टर ही तैनात हैं। लंबे समय से नए डॉक्टर सरकारी व्यवस्था में नहीं आ रहे। दूसरी ओर मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में जिले की सीएचसी-पीएचसी में तैनात कई डॉक्टर ड्यूटी से लापता हैं। कुआंडांडा केंद्र पर तैनात एक डॉक्टर करीब तीन साल से ड्यूटी पर नहीं आया है। इसके अलावा मोरा में एक डॉक्टर दो साल से, बहेड़ी में एक डॉक्टर सवा दो साल से और दूसरा डॉक्टर दो साल से, शेरगढ़ में एक डॉक्टर, क्यारा में एक डॉक्टर, बहेड़ी में एक डॉक्टर, शीशगढ़ में एक डॉक्टर, कुआंडांडा में एक डॉक्टर और रामनगर में एक डॉक्टर करीब डेढ़ साल से ड्यूटी से गैरहाजिर हैं। इन चिकित्सकों की सूचना शासन को भेजी गई है। शासन ने आरोप पत्र जारी किए हैं। सभी डॉक्टरों को आरोप पत्र तामील करा दिए गए हैं।
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