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अयोध्या ने दिया सौहार्द का संदेश, जन्मभूमि के पुजारी ने इकबाल के घर पहुंचकर दी ईद की बधाई

अयोध्या । रामनगरी अयोध्या में ईद के मौके पर हिन्दू - मुस्लिम एकता की झलक देखने को मिली है। श्री राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी के घर पहुंच कर उन्हें ईद की बधाई दी तो इकबाल ने भी पुजारी का स्वागत कर उन्हें अक्षय तृतीया की बधाई दी, जिससे एक बार फिर से राम नगरी से पूरे विश्व को सौहार्द का संदेश गया।
लंबे समय तक अयोध्या में चले मंदिर-मस्जिद विवाद की चर्चा तो खूब हुई थी, लेकिन अयोध्या की गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल एक बार देखने को मिली है।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास उन दिनों को याद कर कहा कि हमारे गुरु महाराज अभिराम दास और बाबरी मस्जिद के मुख्य पक्षकार रहे इकबाल अंसारी के पिता दोनों एक ही तांगे पर बैठकर एक साथ मुकदमा लड़ने कचहरी जाते थे। यही नहीं राम मंदिर आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाने वाले दिगंबर अखाड़े के महंत रामचंद्र परमहंस और हाशिम अंसारी में भी गहरी दोस्ती थी और एक साथ आना जाना होता था। जब हमारे इस विवाद को लेकर फैसला आया तब भी हम लोगों ने एक साथ बैठकर उस फैसले को स्वीकार किया।
इकबाल अंसारी ने कहा कि हम लोग हमेशा अयोध्या के साधु-संतों के बीच रहते हैं। हमारा आपस में भाई चारा है। दोनों समुदायों के बीच कभी कोई विवाद नहीं हुआ, यही कारण है कि अयोध्या में हम एक-दूसरे के त्योहारों में शामिल होते हैं। अयोध्या वह धर्मनगरी है जहां क्या हिन्दू, क्या मुस्लिम या फिर सिख-ईसाई सभी साथ रहते हैं।
--आईएएनएस
लंबे समय तक अयोध्या में चले मंदिर-मस्जिद विवाद की चर्चा तो खूब हुई थी, लेकिन अयोध्या की गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल एक बार देखने को मिली है।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास उन दिनों को याद कर कहा कि हमारे गुरु महाराज अभिराम दास और बाबरी मस्जिद के मुख्य पक्षकार रहे इकबाल अंसारी के पिता दोनों एक ही तांगे पर बैठकर एक साथ मुकदमा लड़ने कचहरी जाते थे। यही नहीं राम मंदिर आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाने वाले दिगंबर अखाड़े के महंत रामचंद्र परमहंस और हाशिम अंसारी में भी गहरी दोस्ती थी और एक साथ आना जाना होता था। जब हमारे इस विवाद को लेकर फैसला आया तब भी हम लोगों ने एक साथ बैठकर उस फैसले को स्वीकार किया।
इकबाल अंसारी ने कहा कि हम लोग हमेशा अयोध्या के साधु-संतों के बीच रहते हैं। हमारा आपस में भाई चारा है। दोनों समुदायों के बीच कभी कोई विवाद नहीं हुआ, यही कारण है कि अयोध्या में हम एक-दूसरे के त्योहारों में शामिल होते हैं। अयोध्या वह धर्मनगरी है जहां क्या हिन्दू, क्या मुस्लिम या फिर सिख-ईसाई सभी साथ रहते हैं।
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