विधायकों की अनुपस्थिति पर विधानसभा अध्यक्ष की चिंता, संसदीय दायित्व निभाने का आह्वान

कल्याण ने कहा कि विधानसभा की अधिकांश समितियां साल भर काम करती हैं, लेकिन उनमें सदस्यों की उपस्थिति पूरी नहीं होती है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह मुद्दा उठाते हुए अच्छा नहीं लग रहा है, लेकिन इसे विधायकों के ध्यान में लाना जरूरी है। कल्याण ने कहा कि संविधान निर्माताओं का मानना था कि विधानमंडल जनता के हित में काम करने के लिए होते हैं। इसके लिए सदन और समितियों के रूप में दो मंच हैं।
उन्होंने विधायकों से समितियों की बैठकों में एजेंडे की पूरी तैयारी के साथ भाग लेने और जनता की समस्याओं के समाधान के लिए काम करने का अनुरोध किया। कल्याण ने कहा कि समितियों की उपयोगिता बढ़ाकर और जनता की कठिनाइयों को दूर करके ही सच्ची जनसेवा की जा सकती है। उन्होंने विधायकों से अपने संसदीय दायित्वों को पूरी ईमानदारी के साथ निभाने का आह्वान किया।
विधायकों की समितियों की बैठकों में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है। उन्हें जनता के हितों का प्रतिनिधित्व करना चाहिए और जनहित के मुद्दों पर चर्चा में योगदान देना चाहिए। अध्यक्ष के आह्वान के बाद, यह देखना होगा कि विधायक समितियों की बैठकों में अपनी उपस्थिति में सुधार करते हैं या नहीं।
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