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गरीबों और बेघरों की ग्रांट में घपला करने वाला एक और दोषी गिरफ़्तार

चंडीगढ़। इंदिरा आवास योजना के तहत गरीब और बेघरों के लिए साल 2012 में ग्राम पंचायत महमदवाल, कपूरथला को मिली कुल 13,50,000 रुपए की ग्रांट में से मिलीभगत करके 45,000 रुपए हड़पने के आरोपी महिंदर को विजिलेंस ब्यूरो ने गिरफ़्तार कर लिया। वह महमदवाल गांव का रहने वाला है। वह पिछले 3 साल 4 माह से फ़रार चला आ रहा था। वर्णनयोग्य है कि 6 साल पहले दर्ज इस मुकदमे में 132 में से अब तक 118 आरोपियों को गिरफ़्तार किया जा चुका है। बाकी दोषियों की सक्रियता के साथ खोज जारी है।
विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि ब्लॉक ढिल्लवां के अधीन आते गांव महमदवाल के गरीब और बेघरों के लिए इंदिरा आवास योजना के तहत साल 2012 में ग्राम पंचायत को प्राप्त 13,50,000 रुपए की ग्रांट को समकालीन एडीसी कम-मुख्य कार्यकारी अफ़सर सतीश चंद्र वशिष्ठ ने महमदवाल के सरपंच आसासिंह और पंचायत सचिव कुलवंत सिंह के साथ मिलीभगत करके अयोग्य लाभार्थियों के नाम पर अलग-अलग चैक काटकर उस ग्रांट को खुर्द-बुर्द कर दिया था।
डिप्टी कमिश्नर कपूरथला की सिफारिश पर अलग-अलग अधिकारियों की 5 सदस्यीय कमेटी ने फिजिकल वेरिफिकेशन की तो कपूरथला में पड़ते 31 गाँवों के 411 अयोग्य लाभार्थियों को साल 2011-12 के दौरान 1,80,00,000 रुपए की नाजायज अदायगी पाई गई। विजिलेंस ब्यूरो की तरफ से 132 दोषियों के खि़लाफ़ आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 13(1), 13(2) के अधीन विजिलेंस ब्यूरो के जालंधर रेंज में दर्ज किया गया था।
इस केस में महिंदर निवासी गांव महमदवाल को पड़ताल के बाद 16 दिसंबर, 2019 को नामज़द किया गया था, जिसे अब गिरफ़्तार किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि महिंदर की तरफ से अयोग्य लाभार्थी होते हुए इस इंदिरा आवास योजना के अंतर्गत कच्चे मकानों को पक्का बनाने के लिए अलग-अलग चैकों के द्वारा कुल 45,000 रुपए की मिली ग्रांट गांव महमदवाल के सरपंच आसासिंह और पंचायत सचिव कुलवंत सिंह की मिलीभगत के साथ हड़प ली थी।
गौरतलब है कि इस मुकदमे में कुल 132 दोषियों में से अब तक 118 दोषियों को गिरफ़्तार किया जा चुका है। बाकी दोषियों को गिरफ़्तार करने के लिए उनके ठिकानों पर विजिलेंस ब्यूरो की तरफ से दबिश दी जा रही है जिनको जल्द गिरफ़्तार कर लिया जाएगा।
विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि ब्लॉक ढिल्लवां के अधीन आते गांव महमदवाल के गरीब और बेघरों के लिए इंदिरा आवास योजना के तहत साल 2012 में ग्राम पंचायत को प्राप्त 13,50,000 रुपए की ग्रांट को समकालीन एडीसी कम-मुख्य कार्यकारी अफ़सर सतीश चंद्र वशिष्ठ ने महमदवाल के सरपंच आसासिंह और पंचायत सचिव कुलवंत सिंह के साथ मिलीभगत करके अयोग्य लाभार्थियों के नाम पर अलग-अलग चैक काटकर उस ग्रांट को खुर्द-बुर्द कर दिया था।
डिप्टी कमिश्नर कपूरथला की सिफारिश पर अलग-अलग अधिकारियों की 5 सदस्यीय कमेटी ने फिजिकल वेरिफिकेशन की तो कपूरथला में पड़ते 31 गाँवों के 411 अयोग्य लाभार्थियों को साल 2011-12 के दौरान 1,80,00,000 रुपए की नाजायज अदायगी पाई गई। विजिलेंस ब्यूरो की तरफ से 132 दोषियों के खि़लाफ़ आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 13(1), 13(2) के अधीन विजिलेंस ब्यूरो के जालंधर रेंज में दर्ज किया गया था।
इस केस में महिंदर निवासी गांव महमदवाल को पड़ताल के बाद 16 दिसंबर, 2019 को नामज़द किया गया था, जिसे अब गिरफ़्तार किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि महिंदर की तरफ से अयोग्य लाभार्थी होते हुए इस इंदिरा आवास योजना के अंतर्गत कच्चे मकानों को पक्का बनाने के लिए अलग-अलग चैकों के द्वारा कुल 45,000 रुपए की मिली ग्रांट गांव महमदवाल के सरपंच आसासिंह और पंचायत सचिव कुलवंत सिंह की मिलीभगत के साथ हड़प ली थी।
गौरतलब है कि इस मुकदमे में कुल 132 दोषियों में से अब तक 118 दोषियों को गिरफ़्तार किया जा चुका है। बाकी दोषियों को गिरफ़्तार करने के लिए उनके ठिकानों पर विजिलेंस ब्यूरो की तरफ से दबिश दी जा रही है जिनको जल्द गिरफ़्तार कर लिया जाएगा।
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