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देश के सबसे प्रदूषित शहरों में अमृतसर चौथे स्थान पर, वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार
अमृतसर, जो पंजाब का सबसे प्रदूषित जिला बन गया है, अब पूरे देश में एकमात्र ऐसा शहर है जहाँ का AQI 310 के ऊपर चला गया है। इस अत्यधिक प्रदूषण के चलते अमृतसर के श्री गुरु राम दास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कई उड़ानें रद्द और डाइवर्ट हो रही हैं। खराब दृश्यता के कारण आज सुबह एक अंतरराष्ट्रीय और दो घरेलू उड़ानों को चंडीगढ़ की ओर मोड़ दिया गया।
स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी
स्वास्थ्य विभाग ने स्थानीय निवासियों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि वे घर से बाहर निकलते समय मुंह पर मास्क लगाएं और केवल अत्यावश्यक कार्य के लिए ही घर से बाहर जाएं। यह प्रदूषण विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक है।
दिवाली के बाद की स्थिति
दिवाली के दिन की गई आतिशबाजी और किसानों द्वारा पराली जलाने के कारण प्रदूषण में भारी बढ़ोतरी हुई है। पिछले तीन दिनों में पराली जलाने के मामलों में 30 फीसदी का इजाफा हुआ है, जिससे स्थानीय निवासियों को सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह प्रदूषण केवल दिवाली की आतिशबाजी के कारण नहीं है, बल्कि बढ़ते वाहनों और उद्योगों के कारण भी है। आसमान में धुंध और पक्षियों की अनुपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि प्रदूषण का स्तर कितना खतरनाक हो गया है।
सरकार और पर्यावरण
स्थानीय लोगों का आरोप है कि सरकारें प्रदूषण नियंत्रण में असफल रही हैं। अगर प्रदूषण पर नियंत्रण किया गया होता, तो आज अमृतसर की स्थिति इतनी खराब नहीं होती। उन्हें लगता है कि शहर के आसपास के पेड़ों की कटाई ने इस समस्या को और बढ़ा दिया है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि छोटे बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, क्योंकि प्रदूषण उनके स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक साबित हो रहा है।
स्थानीय लोगों ने मिलकर इस समस्या का समाधान खोजने की अपील की है, और किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।
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