Amritsar: Lohri festival being celebrated with pomp, children using cotton thread to fly kites, calling Chinese thread bloody-m.khaskhabar.com
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Feb 7, 2025 5:00 am
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अमृतसर: धूमधाम से मनाया जा रहा लोहड़ी पर्व, बच्चे पतंग उड़ाने के लिए सूती धागे का इस्तेमाल कर रहे, चीन की डोर को बताया खूनी

khaskhabar.com : सोमवार, 13 जनवरी 2025 1:31 PM (IST)
अमृतसर: धूमधाम से मनाया जा रहा लोहड़ी पर्व, बच्चे पतंग उड़ाने के लिए सूती धागे का इस्तेमाल कर रहे, चीन की डोर को बताया खूनी
अमृतसर । देशभर में सोमवार को लोहड़ी का पर्व उत्साह और धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह सिख समुदाय का प्रमुख त्योहार है जो विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है। अमृतसर में लोहड़ी के त्योहार पर बच्चे खूब पतंग उड़ा रहे हैं।


बच्चे चाइना मांझे को छोड़कर साधारण डोर से पतंगबाजी कर रहे हैं। इस मौके पर आईएएनएस से बच्चों से बात की। हिमांशु ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान बताया कि आज लोहड़ी का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। हवा बहुत अच्छी चल रही है, जिसकी वजह से पतंगबाजी में बहुत ज्यादा मजा आ रहा है।

आगे कहा कि हम चाइना डोर से के बजाए सूती डोर से पतंग उड़ा रहे हैं। पतंग उड़ाने के लिए सूती डोर को ज्यादा से ज्यादा सपोर्ट करें। सरकार ने भी चीन की डोर पर प्रतिबंध लगाया है। हमें साधारण धागे से ही पतंग उड़ाना चाहिए। चीन की डोर से कई इंसानों और आसमान में उड़ने वाले पक्षियों की जान को खतरा रहता है। हमें सूती धागे की डोर से पतंग उड़ाना चाहिए और इस डोर से पतंग उड़ाने में बहुत मजा आता है।

पतंग उड़ा रहे अमृतसर के रहने वाले जतिन ने आईएएनएस को बताया कि आज लोहड़ी का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। हवा तेज चल रही है और पतंग उड़ाने में बहुत मजा आ रहा है। हम सूती डोर से पतंग उड़ा रहे हैं। चीन की डोर को हाथ भी नहीं लगाना चाहिए, वो खूनी डोर है।

वहीं, पतंग उड़ाने वाले अन्य बच्चे जीत कुमार ने बताया कि हम लोहड़ी का पर्व मना रहे हैं। हम सूती धागे से पतंग उड़ा रहे हैं। चीन की डोर से बहुत हादसे हुए हैं। मैं लोगों से अपील करता हूं कि चीन की डोर से पतंग ना उड़ाएं, पतंग उड़ाने के लिए साधारण डोर का इस्तेमाल करें।

बता दें कि लोहड़ी पर्व सिख समुदाय का प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है। लोहड़ी रबी फसलों की कटाई और सर्दियों के खत्म होने का प्रतीक है। इस दिन लोहड़ी माता की पूजा की जाती है, शाम के समय दोस्त, रिश्तेदार और परिवार के लोग इकट्ठा होकर अलाव जलाते हैं। अग्नि के इर्द-गिर्द परिक्रमा करते हैं। इसके साथ ही अग्नि में गुड़, मूंगफली, रेवड़ी, गजक, पॉपकॉर्न आदि अर्पित कर पूजा करते हैं।

--आईएएनएस

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