अमृतसर: गुरु तेग बहादुर जी के प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारों में उमड़े श्रद्धालु

गुरुद्वारा गुरु का महल में पिछले दिनों शुरू हुए अखंड पाठ का भोग डाला गया। इसके साथ ही सचखंड श्री हरमंदिर साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब और गुरुद्वारा बाबा अटल राय साहिब को सुंदर फूलों से सजाया गया। रात में दीपमाला और आतिशबाजी का आयोजन भी किया जाएगा, जो इस पावन अवसर की रौनक को और बढ़ाएगा।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने बढ़ती गर्मी को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए। गुरु घर के आसपास ठंडे पानी की छबील, मैट और अन्य व्यवस्थाएं की गईं, ताकि संगत को किसी तरह की परेशानी न हो।
कमेटी ने बताया कि गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी वर्षगांठ और गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें गुरता गद्दी दिवस के समारोह भी आज से शुरू हो रहे हैं, जो नवंबर 2025 तक चलेंगे।
श्रद्धालु जयवीर सिंह राजपूत ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "यहां मत्था टेकने के बाद मन को अपार शांति मिली। गुरु तेग बहादुर जी के चरणों में आकर मुझे ऐसा लगता है जैसे भगवान के दर्शन हो गए। मैं सभी को इस पवित्र दिन की बधाई देता हूं।"
एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, "गुरु जी का प्रकाश पर्व विश्व भर में श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। पवित्र सरोवर में स्नान कर हम खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं।"
गुरु तेग बहादुर जी का जन्म 1 अप्रैल 1621 को अमृतसर में गुरुद्वारा गुरु का महल में हुआ था। उनके प्रकाश पर्व पर सुबह से ही संगत दर्शन और अरदास के लिए गुरुद्वारों में पहुंच रही है। इस अवसर पर जलूस भी निकाले गए, जो सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक चले। हर वर्ष की तरह शाम को दीपमाला के साथ संकीर्तन और कथा का आयोजन होगा। श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें जन्म शताब्दी समारोह का शुभारंभ गुरुद्वारा गुरु का महल से हुआ।
--आईएएनएस
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