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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के शीर्ष अधिकारी के खिलाफ जारी किया गैर जमानती वारंट

लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के खिलाफ गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि अधिकारी आदेश के बावजूद अदालत के सामने पेश नहीं हुए।
मान्यता प्राप्त शिक्षक संघ द्वारा दायर अवमानना याचिका पर न्यायमूर्ति इरशाद अली की एकल पीठ ने यह आदेश पारित किया।
विभाग के प्रमुख सचिव, सचिव और निदेशक के खिलाफ पिछले महीने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने के आरोप तय किए गए थे।
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से कहा था कि, बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालयों में इनकी नियुक्ति के एक दशक के आदेश पारित होने के बावजूद अभी तक इनकी नियुक्ति नहीं की जा सकी है।
अदालत ने मुख्य सचिव दीपक कुमार को अदालत में पेशी से छूट देने की मांग करने वाले राज्य के वकील द्वारा दायर आवेदन को खारिज कर दिया।
अदालत ने कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी इस अदालत के आदेश को बहुत ही लापरवाही से अपने खिलाफ शुरू की गई अवमानना की कार्रवाई में ले रहे हैं। प्रमुख सचिव दीपक कुमार का कृत्य स्वीकार्य नहीं है।
तदनुसार, दीपक कुमार के लिए गिरफ्तारी का गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था।
अदालत ने सचिव प्रताप सिंह बघेल और बेसिक शिक्षा विभाग के तत्कालीन निदेशक शुभा सिंह को भी 10 अप्रैल को पेश होने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता की ओर से गत फरवरी में अदालत में पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एल.पी. मिश्रा ने अदालत को अवगत कराया था कि याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय के 14 फरवरी, 2013 और 30 जुलाई, 2014 को पारित दो आदेशों की अवहेलना की है।(आईएएनएस)
मान्यता प्राप्त शिक्षक संघ द्वारा दायर अवमानना याचिका पर न्यायमूर्ति इरशाद अली की एकल पीठ ने यह आदेश पारित किया।
विभाग के प्रमुख सचिव, सचिव और निदेशक के खिलाफ पिछले महीने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने के आरोप तय किए गए थे।
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से कहा था कि, बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालयों में इनकी नियुक्ति के एक दशक के आदेश पारित होने के बावजूद अभी तक इनकी नियुक्ति नहीं की जा सकी है।
अदालत ने मुख्य सचिव दीपक कुमार को अदालत में पेशी से छूट देने की मांग करने वाले राज्य के वकील द्वारा दायर आवेदन को खारिज कर दिया।
अदालत ने कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी इस अदालत के आदेश को बहुत ही लापरवाही से अपने खिलाफ शुरू की गई अवमानना की कार्रवाई में ले रहे हैं। प्रमुख सचिव दीपक कुमार का कृत्य स्वीकार्य नहीं है।
तदनुसार, दीपक कुमार के लिए गिरफ्तारी का गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था।
अदालत ने सचिव प्रताप सिंह बघेल और बेसिक शिक्षा विभाग के तत्कालीन निदेशक शुभा सिंह को भी 10 अप्रैल को पेश होने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता की ओर से गत फरवरी में अदालत में पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एल.पी. मिश्रा ने अदालत को अवगत कराया था कि याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय के 14 फरवरी, 2013 और 30 जुलाई, 2014 को पारित दो आदेशों की अवहेलना की है।(आईएएनएस)
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