Advertisement
हरियाणा की सभी पंचायतें एक पखवाड़े में पैक्स के दायरे में आ जाएंगी : मुख्य सचिव

चंडीगढ़। मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा है कि हरियाणा एक पखवाड़े के भीतर प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पीएसीएस) के माध्यम से सभी पंचायतों का व्यापक कवरेज हासिल कर लेगा।
यह जानकारी मुख्य सचिव ने राज्य सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के बाद दी।
उन्होंने बताया कि 99 प्रतिशत पंचायतें पहले ही पैक्स के माध्यम से कवर हो चुकी हैं तथा राज्य सहकारिता विभाग को एक पखवाड़े के भीतर शेष 18 गांवों को भी शामिल करने के प्रयासों में तेजी लाने का निर्देश दिए गए हैं।
संजीव कौशल ने आगे कहा कि 15 सहकारी समितियां सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल में 'खरीदार' के रूप में सफलतापूर्वक शामिल हो गई हैं। इन सहकारी समितियों में विभिन्न प्रकार की संस्थाएँ शामिल हैं, जिनमें हैफेड, डैरीफेड, हरको बैंक, हरियाणा राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक लिमिटेड, शाहबाद शुगर मिल्स और अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, पानीपत, फतेहाबाद, जींद, झज्जर, करनाल, भिवानी, फ़रीदाबाद, हिसार, पंचकूला, यमुनानगर, रोहतक, सिरसा, महेंद्रगढ़, गुरूग्राम और रेवाड़ी में स्थित जिला केंद्रीय सहकारी बैंक शामिल हैं।
सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने राज्य में विभिन्न सहकारी पहलों की प्रगति के बारे में जानकारी दी। बैठक के दौरान यह भी बताया गया कि हिसार जिले में माढ़ा प्राथमिक कृषि सहकारी समिति (पीएसीएस) को विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना के हिस्से के रूप में पहचाना गया है।
उन्होंने बताया कि नाबार्ड ने 5 जून, 2023 को इस परियोजना के लिए 1.70 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया है और लगभग 60% निर्माण कार्य पहले ही पूरा हो चुका है। मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने अधिकारियों को इस परियोजना को दिसंबर 2023 के अंत तक समय पर पूरा करने का निर्देश दिए।
सुधीर राजपाल ने आगे कहा कि सभी जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) को किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने में पैक्स का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। इस पहल का उद्देश्य पैक्स को आर्थिक रूप से लाभकारी कृषि गतिविधियों में शामिल होने के लिए सशक्त बनाना है।
उन्होंने बताया कि 99 प्रतिशत पंचायतें पहले ही पैक्स के माध्यम से कवर हो चुकी हैं तथा राज्य सहकारिता विभाग को एक पखवाड़े के भीतर शेष 18 गांवों को भी शामिल करने के प्रयासों में तेजी लाने का निर्देश दिए गए हैं।
संजीव कौशल ने आगे कहा कि 15 सहकारी समितियां सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल में 'खरीदार' के रूप में सफलतापूर्वक शामिल हो गई हैं। इन सहकारी समितियों में विभिन्न प्रकार की संस्थाएँ शामिल हैं, जिनमें हैफेड, डैरीफेड, हरको बैंक, हरियाणा राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक लिमिटेड, शाहबाद शुगर मिल्स और अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, पानीपत, फतेहाबाद, जींद, झज्जर, करनाल, भिवानी, फ़रीदाबाद, हिसार, पंचकूला, यमुनानगर, रोहतक, सिरसा, महेंद्रगढ़, गुरूग्राम और रेवाड़ी में स्थित जिला केंद्रीय सहकारी बैंक शामिल हैं।
सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने राज्य में विभिन्न सहकारी पहलों की प्रगति के बारे में जानकारी दी। बैठक के दौरान यह भी बताया गया कि हिसार जिले में माढ़ा प्राथमिक कृषि सहकारी समिति (पीएसीएस) को विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना के हिस्से के रूप में पहचाना गया है।
उन्होंने बताया कि नाबार्ड ने 5 जून, 2023 को इस परियोजना के लिए 1.70 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया है और लगभग 60% निर्माण कार्य पहले ही पूरा हो चुका है। मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने अधिकारियों को इस परियोजना को दिसंबर 2023 के अंत तक समय पर पूरा करने का निर्देश दिए।
सुधीर राजपाल ने आगे कहा कि सभी जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) को किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने में पैक्स का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। इस पहल का उद्देश्य पैक्स को आर्थिक रूप से लाभकारी कृषि गतिविधियों में शामिल होने के लिए सशक्त बनाना है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
चंडीगढ़
हरियाणा से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement
Traffic
Features
