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ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने हिमाचल ट्रक चालकों के आंदोलन का समर्थन किया

शिमला। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह अडानी के सीमेंट संयंत्रों के खिलाफ शनिवार को हिमाचल प्रदेश में ट्रक यूनियनों के 'चक्का जाम' के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करेगी। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष कुलतारन सिंह अटवाल ने हिमाचल प्रदेश में उन ट्रांसपोर्टरों को समर्थन देने का ऐलान किया है, जो बरमाना और दारलाघाट में अडानी के संयंत्रों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, जो लगभग दो महीने से माल ढुलाई के मुद्दे पर बंद हैं।
उन्होंने कहा कि सीमेंट संयंत्रों का नया मैनेजमेंट माल ढुलाई के मुद्दे पर अवास्तविक और अड़ियल रवैया अपना रहा है और कहा कि कंपनी अपने लाभ को ज्यादा करने के लिए ट्रांसपोर्टरों का शोषण कर रही है।
उन्होंने एक बयान में कहा कि कंपनी के सीमेंट संयंत्रों को बंद करने के एकतरफा कदम से पहाड़ी राज्य में एक लाख परिवार प्रभावित हुए हैं।
अटवाल ने कहा कि इनपुट लागत और ईंधन वृद्धि पर माल ढुलाई बढ़ाना सामान्य चलन है। कंपनी मालभाड़ा शुल्क बढ़ाने के बजाय माल भाड़ा कम करने पर आमादा है जो देश में अब तक कभी नहीं हुआ।
लगभग 6,000 ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल शुक्रवार को 50वें दिन में प्रवेश कर गई और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के हस्तक्षेप के बावजूद ट्रांसपोर्टरों को कम भाड़ा तय करने के लिए कहने के बावजूद कोई समाधान नहीं दिख रहा है।
साथ ही सरकार ने अडानी समूह के अधिकारियों को उन दो सीमेंट संयंत्रों के गतिरोध को समाप्त करने के लिए मनाने की कोशिश की है जो पहले एसीसी और अंबुजा सीमेंट के स्वामित्व में थे।
--आईएएनएस
उन्होंने कहा कि सीमेंट संयंत्रों का नया मैनेजमेंट माल ढुलाई के मुद्दे पर अवास्तविक और अड़ियल रवैया अपना रहा है और कहा कि कंपनी अपने लाभ को ज्यादा करने के लिए ट्रांसपोर्टरों का शोषण कर रही है।
उन्होंने एक बयान में कहा कि कंपनी के सीमेंट संयंत्रों को बंद करने के एकतरफा कदम से पहाड़ी राज्य में एक लाख परिवार प्रभावित हुए हैं।
अटवाल ने कहा कि इनपुट लागत और ईंधन वृद्धि पर माल ढुलाई बढ़ाना सामान्य चलन है। कंपनी मालभाड़ा शुल्क बढ़ाने के बजाय माल भाड़ा कम करने पर आमादा है जो देश में अब तक कभी नहीं हुआ।
लगभग 6,000 ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल शुक्रवार को 50वें दिन में प्रवेश कर गई और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के हस्तक्षेप के बावजूद ट्रांसपोर्टरों को कम भाड़ा तय करने के लिए कहने के बावजूद कोई समाधान नहीं दिख रहा है।
साथ ही सरकार ने अडानी समूह के अधिकारियों को उन दो सीमेंट संयंत्रों के गतिरोध को समाप्त करने के लिए मनाने की कोशिश की है जो पहले एसीसी और अंबुजा सीमेंट के स्वामित्व में थे।
--आईएएनएस
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