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रामगढ़ विधानसभा सीट पर आजसू की जीत, एनडीए ने कहा- जनता ने हेमंत सोरेन को नकारा
रांची। झारखंड की रामगढ़ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव की मतगणना के बाद नतीजे का आधिकारिक तौर पर ऐलान कर दिया गया है। ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी की प्रत्याशी सुनीता चौधरी ने कांग्रेस के उम्मीदवार बजरंग महतो को 21 हजार 644 मतों के अंतर से पराजित किया है। सुनीता चौधरी को भाजपा का भी समर्थन हासिल था। सुनीता चौधरी को 115243 वोट मिले हैं जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी बजरंग महतो को 93 हजार 599 वोट मिले।
कांग्रेस प्रत्याशी को झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल और वाम दलों का भी समर्थन हासिल था, लेकिन उन्हें जबर्दस्त शिकस्त झेलनी पड़ी है। इसे राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पैतृक गांव इसी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है और इस उपचुनाव में उन्होंने कांग्रेस की ममता देवी के पक्ष में कई चुनावी सभाएं की थीं।
आजसू के अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा कि चुनाव सिर्फ उम्मीदवारों के बीच नहीं था। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद इस चुनाव में जमकर प्रचार किया। इस प्रचार का भी असर जनता पर नहीं हुआ, हेमंत की सरकार झूठ की बुनियाद पर खड़ी है। जैसे- जैसे समय बितेगा इनका रंग उतरता जायेगा। बुनियाद मजबूत नहीं होगी तो वह ऊंची नहीं होगी। यह 2024 के जीत की तरफ इशारा कर रही है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि इस उपचुनाव के नतीजे से साफ हो गया है कि जनता ने राज्य की हेमंत सोरेन को नकार दिया है और एनडीए के प्रति अपना विश्वास जाहिर किया है। यही नतीजा राज्य में आगामी चुनावों में भी दोहराया जाने वाला है।
इधर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि हार के पीछे का कारणों की हम समीक्षा कर रहे हैं। हारे हैं तो कुछ तो ऐसा है, जो जनता पसंद नहीं कर रही है।
झारखंड में वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद अब तक कुल पांच उपचुनाव हुए हैं और इसके पहले के सभी उपचुनावों में राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन ने जीत दर्ज की थी। यह पहला उपचुनाव है, जब एनडीए के हाथों सत्तारूढ़ गठबंधन को पराजय का सामना करना पड़ा है।
सनद रहे कि इस सीट पर 2019 में कांग्रेस की ममता देवी ने आजसू पार्टी की प्रत्याशी सुनीता देवी को पराजित किया था। हजारीबाग जिले की कोर्ट ने ममता देवी को आपराधिक मामले में बीते 13 दिसंबर को सात साल की सजा सुनाई थी और इसके बाद उनकी विधायकी निरस्त कर दी गई थी। इस वजह से यहां उपचुनाव कराए गए। कांग्रेस ने पूर्व विधायक ममता देवी के पति बजरंग महतो को प्रत्याशी बनाया, जबकि आजसू पार्टी ने भाजपा के समर्थन से सुनीता चौधरी को मैदान में उतारा। सुनीता चौधरी इस सीट से कई बार विधायक रह चुके और गिरिडीह के मौजूदा सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी हैं।
--आईएएनएस
कांग्रेस प्रत्याशी को झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल और वाम दलों का भी समर्थन हासिल था, लेकिन उन्हें जबर्दस्त शिकस्त झेलनी पड़ी है। इसे राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पैतृक गांव इसी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है और इस उपचुनाव में उन्होंने कांग्रेस की ममता देवी के पक्ष में कई चुनावी सभाएं की थीं।
आजसू के अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा कि चुनाव सिर्फ उम्मीदवारों के बीच नहीं था। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद इस चुनाव में जमकर प्रचार किया। इस प्रचार का भी असर जनता पर नहीं हुआ, हेमंत की सरकार झूठ की बुनियाद पर खड़ी है। जैसे- जैसे समय बितेगा इनका रंग उतरता जायेगा। बुनियाद मजबूत नहीं होगी तो वह ऊंची नहीं होगी। यह 2024 के जीत की तरफ इशारा कर रही है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि इस उपचुनाव के नतीजे से साफ हो गया है कि जनता ने राज्य की हेमंत सोरेन को नकार दिया है और एनडीए के प्रति अपना विश्वास जाहिर किया है। यही नतीजा राज्य में आगामी चुनावों में भी दोहराया जाने वाला है।
इधर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि हार के पीछे का कारणों की हम समीक्षा कर रहे हैं। हारे हैं तो कुछ तो ऐसा है, जो जनता पसंद नहीं कर रही है।
झारखंड में वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद अब तक कुल पांच उपचुनाव हुए हैं और इसके पहले के सभी उपचुनावों में राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन ने जीत दर्ज की थी। यह पहला उपचुनाव है, जब एनडीए के हाथों सत्तारूढ़ गठबंधन को पराजय का सामना करना पड़ा है।
सनद रहे कि इस सीट पर 2019 में कांग्रेस की ममता देवी ने आजसू पार्टी की प्रत्याशी सुनीता देवी को पराजित किया था। हजारीबाग जिले की कोर्ट ने ममता देवी को आपराधिक मामले में बीते 13 दिसंबर को सात साल की सजा सुनाई थी और इसके बाद उनकी विधायकी निरस्त कर दी गई थी। इस वजह से यहां उपचुनाव कराए गए। कांग्रेस ने पूर्व विधायक ममता देवी के पति बजरंग महतो को प्रत्याशी बनाया, जबकि आजसू पार्टी ने भाजपा के समर्थन से सुनीता चौधरी को मैदान में उतारा। सुनीता चौधरी इस सीट से कई बार विधायक रह चुके और गिरिडीह के मौजूदा सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी हैं।
--आईएएनएस
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