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दिवाली से पहले ही वायु प्रदूषण लाल निशान के पार, गाजियाबाद और नोएडा में बुरा हाल

आंकड़ों के अनुसार, आनंद विहार का एक्यूआई 335, वजीरपुर का 337, बवाना का 281 और मुंडका का 297 है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है, लेकिन अधिकांश इलाके 'खराब' से 'बहुत खराब' श्रेणी में हैं। हवा की बिगड़ती गुणवत्ता को देखते हुए, वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बनाए गए ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) के पहले चरण को लागू कर दिया गया है।
इसके तहत निर्माण कार्यों पर रोक और डीजल जनरेटर के उपयोग पर प्रतिबंध जैसे उपाय शामिल हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि अगर प्रदूषण का स्तर इसी तरह बना रहा, तो जल्द ही ग्रेप का दूसरा और सख्त चरण लागू किया जा सकता है। अक्टूबर के आंकड़े बताते हैं कि ओजोन और पीएम10 प्रमुख प्रदूषक तत्व रहे हैं। कई दिनों पर इनका स्तर बहुत अधिक दर्ज किया गया, जो दिवाली से पहले ही वायु गुणवत्ता में गिरावट का संकेत दे रहा था। 'बहुत खराब' श्रेणी का एक्यूआई स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा करता है।
इस स्थिति में सभी नागरिकों, विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस व हृदय रोगियों को अत्यधिक सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है। लंबे समय तक बाहर रहने से बचना चाहिए और घर के अंदर हवा शुद्ध करने वाले उपकरणों का उपयोग करना चाहिए। सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। दिवाली से पहले ही दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है।
--आईएएनएस
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