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इसके बिना नहीं की जा सकती कोई मांगलिक कार्य होने की कल्पना

khaskhabar.com : मंगलवार, 07 जनवरी 2020 12:55 PM (IST)
इसके बिना नहीं की जा सकती कोई मांगलिक कार्य होने की कल्पना
बिहारशरीफ (बिहार)। मिठाइयों का राजा 'खाजा' के बिना बिहार में कोई मांगलिक कार्य होने की कल्पना नहीं की जा सकती। शादी के बाद जब नई नवेली दुल्हन पिया के घर आती है, तब भी वह अपने साथ सौगात के रूप में खाजा जरूर लाती है और उस खाजे को पूरे मुहल्ले में बांटा जाता है।

बात जब खाजा की हो रही है तो राजगीर और नालंदा के बीच स्थित सिलाव की चर्चा न हो, ऐसा हो नहीं सकता।

सिलाव का खाजा बिहार और देश में ही नहीं, विदेश में भी प्रसिद्ध है। यही कारण है कि अब सिलाव के खाजे की बिक्री ऑनलाइन हो रही है, जिससे देश और विदेश के लोग भी घर बैठे सिलाव के खाजा का लुत्फ उठा रहे हैं।

खाजा के व्यवसाय के लिए अब ऐप बनाया गया है, जिससे ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो गई है। खाजा को पहले ही जीआई टैग (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) दिया जा चुका है।

खाजा व्यवसायी संदीप लाल बताते हैं कि वह विदेश के लोगों को ऑनलाइन खाजा पहुंचाने के लिए 'श्रीकाली शाह' नाम से ऐप बनाया गया है। डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट एसआरआईकेएएल आईएसएएच डॉट कॉम को लॉग इन कर खाजा का ऑर्डर दिया जा सकता है। विदेशों में आपूर्ति के लिए एयर कूरियर और देश के विभिन्न प्रदेशों के लिए साधारण कूरियर सेवा बहाल की गई है।

व्यापारियों के मुताबिक, कई स्थानों से खाजा का ऑर्डर आ चुका है। व्यापारी बताते हैं कि सिलाव में खाजा बनने के चार प्रकार हैं। जल्द खराब नहीं होने वाली इस खास मिठाई के यहां चार प्रकार- मीठा खाजा, नमकीन खाजा, देशी घी का खाजा और सादा खाजा बनाए जाते हैं।


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