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उत्तराखंड की तबाही में यूपी से 70 लोग लापता, हेल्पलाइन नंबर जारी

लखीमपुर खीरी । उत्तराखंड में आई तबाही के बाद उत्तर प्रदेश के करीब 70 लोगों के लापता होने की खबर है।
लापता लोगों में सबसे ज्यादा संख्या लखीमपुर जिले के लोगों की है। अधिकांश मजदूर तपोवन परियोजना पर काम करने गए थे।
इच्छानगर के स्थानीय लोगों ने कहा कि उनके गांव के 26 व्यक्ति तपोवन के लिए रवाना हुए थे और 18 लापता हो गए।
भरमपुर में रहने वालों ने कहा कि 11 लोग न तो घर लौटे हैं और न ही उन्होंने अपने परिवार से संपर्क किया है। भोलनपुर के पांच लोगों के लापता होने की आशंका है।
जिलाधिकारी शैलेन्द्र सिंह ने लापता लोगों की सही संख्या की पुष्टि नहीं की, लेकिन कहा कि लखीमपुर खीरी के सभी कामगारों की एक सूची तैयार की जा रही है।
उन्होंने कहा, "हमने गांवों से सूचनाओं को जुटाने और तहसीलदार और सबडिविजनल मजिस्ट्रेट के साथ साझा करने के लिए लेखपाल की तैनाती की है। हम फिर परिवार के सदस्यों के संपर्क में आकर आंकड़ों का सत्यापन कर रहे हैं। अभी तक, हमें सिर्फ निघासन तहसील के रहने वाले 35 लोगों के लापता होने की आशंका है।"
चमोली में उनके समकक्ष के साथ डेटा साझा किया जा रहा है।
निघासन के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट ओम प्रकाश गुप्ता ने कहा कि अभी तक किसी भी मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने कहा, "अब तक, हम जानते हैं कि निघासन के 58 लोग हाइडेल प्रोजेक्ट साइट पर काम कर रहे थे। यह संख्या बढ़ सकती है क्योंकि हमें अभी कुछ गांवों से डेटा प्राप्त करना बाकी है।"
सूत्रों ने कहा कि अधिकांश शवों की पहचामन नहीं हो पा रही थी क्योंकि वे या तो भारी पत्थर या और बोल्डर के भार से कुचल गए थे या पानी के कारण फूल गए थे।
राहत आयुक्त के कार्यालय के अनुसार, सहारनपुर के तीन, मेरठ के चार, गोरखपुर के पांच, शामली के दो और मुरादाबाद, बिजनौर और चंदौली के एक-एक व्यक्ति से उनके परिवार के सदस्य संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्थिति की समीक्षा करने के लिए, सोमवार देर रात एक उच्च-स्तरीय बैठक की।
राज्य सरकार ने एक टोल-फ्री नंबर 1070 और एक व्हाट्सऐप नंबर 9454441036 जारी किया है, जिस पर जो लोग लापता हैं, उनके परिवार के सदस्य मदद के लिए संपर्क कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री हरिद्वार में नियंत्रण कक्ष भी स्थापित कर रहे हैं और चार अधिकारियों को जोशीमठ जाने और वहां फंसे उत्तर प्रदेश के लोगों की मदद करने के लिए कहा गया है।
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपये के मुआवजे की भी घोषणा की है।
--आईएएनएस
लापता लोगों में सबसे ज्यादा संख्या लखीमपुर जिले के लोगों की है। अधिकांश मजदूर तपोवन परियोजना पर काम करने गए थे।
इच्छानगर के स्थानीय लोगों ने कहा कि उनके गांव के 26 व्यक्ति तपोवन के लिए रवाना हुए थे और 18 लापता हो गए।
भरमपुर में रहने वालों ने कहा कि 11 लोग न तो घर लौटे हैं और न ही उन्होंने अपने परिवार से संपर्क किया है। भोलनपुर के पांच लोगों के लापता होने की आशंका है।
जिलाधिकारी शैलेन्द्र सिंह ने लापता लोगों की सही संख्या की पुष्टि नहीं की, लेकिन कहा कि लखीमपुर खीरी के सभी कामगारों की एक सूची तैयार की जा रही है।
उन्होंने कहा, "हमने गांवों से सूचनाओं को जुटाने और तहसीलदार और सबडिविजनल मजिस्ट्रेट के साथ साझा करने के लिए लेखपाल की तैनाती की है। हम फिर परिवार के सदस्यों के संपर्क में आकर आंकड़ों का सत्यापन कर रहे हैं। अभी तक, हमें सिर्फ निघासन तहसील के रहने वाले 35 लोगों के लापता होने की आशंका है।"
चमोली में उनके समकक्ष के साथ डेटा साझा किया जा रहा है।
निघासन के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट ओम प्रकाश गुप्ता ने कहा कि अभी तक किसी भी मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने कहा, "अब तक, हम जानते हैं कि निघासन के 58 लोग हाइडेल प्रोजेक्ट साइट पर काम कर रहे थे। यह संख्या बढ़ सकती है क्योंकि हमें अभी कुछ गांवों से डेटा प्राप्त करना बाकी है।"
सूत्रों ने कहा कि अधिकांश शवों की पहचामन नहीं हो पा रही थी क्योंकि वे या तो भारी पत्थर या और बोल्डर के भार से कुचल गए थे या पानी के कारण फूल गए थे।
राहत आयुक्त के कार्यालय के अनुसार, सहारनपुर के तीन, मेरठ के चार, गोरखपुर के पांच, शामली के दो और मुरादाबाद, बिजनौर और चंदौली के एक-एक व्यक्ति से उनके परिवार के सदस्य संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्थिति की समीक्षा करने के लिए, सोमवार देर रात एक उच्च-स्तरीय बैठक की।
राज्य सरकार ने एक टोल-फ्री नंबर 1070 और एक व्हाट्सऐप नंबर 9454441036 जारी किया है, जिस पर जो लोग लापता हैं, उनके परिवार के सदस्य मदद के लिए संपर्क कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री हरिद्वार में नियंत्रण कक्ष भी स्थापित कर रहे हैं और चार अधिकारियों को जोशीमठ जाने और वहां फंसे उत्तर प्रदेश के लोगों की मदद करने के लिए कहा गया है।
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपये के मुआवजे की भी घोषणा की है।
--आईएएनएस
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