Advertisement
सामूहिक दुष्कर्म के 2 आरोपियों को हुई 20 साल की कैद

बरेली । बरेली की एक फास्ट ट्रैक
कोर्ट ने मार्च 2016 में चलती बस में महिला से सामूहिक दुष्कर्म करने के
आरोप में दो लोगों को 20 साल कैद की सजा सुनाई है।
प्रत्येक आरोपी पर 45,000 रुपये का जुमार्ना भी लगाया गया है।
जानकारी के मुताबिक, 8 मार्च 2016 को बरेली से रामपुर जा रही 30 वर्षीय पीड़िता एक निजी बस में सवार हुई थी। बस रात करीब साढ़े नौ बजे शीशगढ़ कस्बे में रुकी। उसे बताया गया कि बस बाद में रामपुर के लिए आगे बढ़ेगी।
चूंकि वह अपने 15 दिन के बेटे को अपने साथ ले जा रही थी, इसलिए उसने बस में इंतजार करने का फैसला किया, हालांकि कोई अन्य यात्री बस में नहीं था।
बस कंडक्टर ईश्वरी प्रसाद और हेल्पर शिव कुमार ने उसके साथ मारपीट कर दुष्कर्म किया। अपने आप को मुक्त करने और भागने के अपने संघर्ष में, उसने अपने बच्चे को छोड़ दिया जो मर गया।
बाद में अपराधियों ने महिला और उसके मृत बच्चे को बस से बाहर फेंक दिया और फरार हो गए।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील हरेंद्र राठौर ने कहा कि महिला कभी भी आघात से बाहर नहीं आई और 2017 में उसकी मृत्यु हो गई। लेकिन उसने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत एक मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया था।
न्यायाधीश बृजेश कुमार यादव ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर विचार करते हुए आरोपी को दोषी ठहराया।
पुलिस ने चार्जशीट में तीन लोगों को नामजद किया था और उनमें से एक को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था।
--आईएएनएस
प्रत्येक आरोपी पर 45,000 रुपये का जुमार्ना भी लगाया गया है।
जानकारी के मुताबिक, 8 मार्च 2016 को बरेली से रामपुर जा रही 30 वर्षीय पीड़िता एक निजी बस में सवार हुई थी। बस रात करीब साढ़े नौ बजे शीशगढ़ कस्बे में रुकी। उसे बताया गया कि बस बाद में रामपुर के लिए आगे बढ़ेगी।
चूंकि वह अपने 15 दिन के बेटे को अपने साथ ले जा रही थी, इसलिए उसने बस में इंतजार करने का फैसला किया, हालांकि कोई अन्य यात्री बस में नहीं था।
बस कंडक्टर ईश्वरी प्रसाद और हेल्पर शिव कुमार ने उसके साथ मारपीट कर दुष्कर्म किया। अपने आप को मुक्त करने और भागने के अपने संघर्ष में, उसने अपने बच्चे को छोड़ दिया जो मर गया।
बाद में अपराधियों ने महिला और उसके मृत बच्चे को बस से बाहर फेंक दिया और फरार हो गए।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील हरेंद्र राठौर ने कहा कि महिला कभी भी आघात से बाहर नहीं आई और 2017 में उसकी मृत्यु हो गई। लेकिन उसने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत एक मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया था।
न्यायाधीश बृजेश कुमार यादव ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर विचार करते हुए आरोपी को दोषी ठहराया।
पुलिस ने चार्जशीट में तीन लोगों को नामजद किया था और उनमें से एक को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था।
--आईएएनएस
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
बरेली
उत्तर प्रदेश से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement
Traffic
Features
