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बैठे बैठे पैरों को क्यों नहीं हिलाना चाहिए, आख़िर ऐसा करने से क्यों मना किया जाता है?
खास तौर पर पूजा या किसी भी तरह के धार्मिक कार्यों को करने के समय पैरों का हिलाना ज्यादा अशुभ माना जाता है कहा जाता है कि ऐसा करने से उस पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता। मान्यता यह भी है कि शाम के समय पैर हिलाने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है जिससे कि कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि लक्ष्मी मां को धन की देवी माना गया है इसलिए उनके नाराज होने से धन संबंधी सभी तरह के कार्यों में बाधा उत्पन्न होने लगती है।
मान्यताओं के अनुसार शाम के समय माता लक्ष्मी भ्रमण के लिए आती है इसलिए इस समय पैर हिलाने काफी अशुभ माना जाता है। धार्मिक ही नहीं स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बैठे-बैठे पैरों का हिलाना अच्छा नहीं माना गया है। इससे जोड़ो की समस्या उत्पन्न हो सकती है। दिल संबंधी कई तरह की बीमारियां व्यक्ति को घेर कर सकती हैं। इससे पैरों की नसों पर भी विपरित प्रभाव देखने को मिलता है जिससे पैरों में दर्द की भी समस्या हो सकती है।
मेडिकल साइंस में पैरों को इस तरह से हिलाने को ‘रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम’ का नाम दिया गया है। इस बीमारी का कारण नींद नहीं आना होता है। जो व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान होता है तो उसे यह रोग हो जाता है। बैठे हुए या लेटे हुए पैर हिलाने से कई तरह के रोग भी जन्म लेते हैं। रिसर्च में पता चला है कि ऐसा करने से दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है।
मेडिकल साइंस में पैर हिलाने की आदत को रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम बताया गया है और यह एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी की वजह से हार्ट, किडनी, पार्किंसंस से संबंधित समस्या बढ़ जाती हैं और शरीर में आयरन की कमी भी हो जाती है। तो निष्कर्ष यही निकलता है के पैरों को हिलाते रहना अच्छी आदत नहीं है। यदि ये आपकी आदत नहीं है तो निश्चित ही डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
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