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आपकी उम्र को तेजी से बढ़ा सकते हैं अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड !
किसी व्यक्ति की बायोलॉजिकल उम्र उसके स्वास्थ्य को मापने का एक अपेक्षाकृत नया तरीका है। यह विभिन्न मोलेक्युलर बायोमार्कर के आधार पर बताता है कि व्यक्ति कितना बूढ़ा लगता है।
ऑस्ट्रेलिया में मोनाश विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा कि स्वस्थ जीवनशैली वाले व्यक्ति की बायोलॉजिकल उम्र उनकी क्रोनोलॉजिकल एज से कम हो सकती है, जबकि खराब जीवनशैली विकल्प आपको जल्द ही बूढ़ा कर सकते हैं।
एज एंड एजिंग नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में अमेरिका के 20-79 वर्ष की आयु के 16,055 प्रतिभागियों को शामिल किया गया और दिखाया गया कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड खपत में हर 10 प्रतिशत की वृद्धि के लिए, बायोलॉजिकल और क्रोनोलॉजिकल आयु के बीच का अंतर लगभग 2.4 महीने बढ़ गया।
शोध में पाया गया कि जो लोग अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड (यूपीएफ) का सबसे अधिक सेवन करते हैं, वे बायोलॉजिकल रूप से लगभग 1 वर्ष बड़े हैं और जो इसका कम सेवन करते हैं वह बायोलॉजिकल रूप से लगभग 1 वर्ष छोटे दिखाई देते हैं।
विश्वविद्यालय के पोषण आहार विज्ञान और खाद्य विभाग की वरिष्ठ व्याख्याता एवं पोषण जैव रसायनज्ञ डॉ. बारबरा कार्डोसो ने कहा कि निष्कर्षों ने जितना संभव हो सके, अनप्रोसेस्ड और मिनिमली प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को खाने के महत्व को रेखांकित किया है।
उन्होंने कहा, "हमारे निष्कर्षों का महत्व बहुत अधिक है, क्योंकि हमारे पूर्वानुमानों से पता चलता है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के सेवन से कुल ऊर्जा सेवन में हर 10 प्रतिशत की वृद्धि के लिए मृत्यु दर में लगभग 2 प्रतिशत की वृद्धि और दो वर्षों में पुरानी बीमारी का 0.5 प्रतिशत जोखिम है।"
यूपीएफ औद्योगिक रूप से तैयार किए गए उत्पाद हैं जिनमें आमतौर पर घर की रसोई में इस्तेमाल नहीं होने वाले तत्व होते हैं, जैसे हाइड्रोजनीकृत तेल, हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप,, स्वाद बढ़ाने वाले पदार्थ और इमल्सीफायर।
इन खाद्य पदार्थों में नमक, चीनी, वसा और अन्य अस्वास्थ्यकर तत्व अधिक होते हैं और इन्हें सुविधा और लंबे समय तक चलने के लिए डिजाइन किया गया है।
--आईएएनएस
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