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नाभि है शरीर की सीक्रेट पावर बटन, जानिए कैसे करें इसकी देखभाल

नाभि का संबंध शरीर के तीनों दोषों वात, पित्त और कफ से होता है। जब ये संतुलित रहते हैं, तब शरीर स्वस्थ और मन शांत रहता है। नाभि पाचन क्रिया को सुधारने, हार्मोनल संतुलन बनाए रखने, त्वचा की नमी और चमक बढ़ाने, मानसिक शांति देने और जोड़ों में लचीलापन बनाए रखने में मदद करती है। महिलाओं में यह मासिक धर्म की अनियमितता को भी ठीक करने में सहायक मानी जाती है।
आयुर्वेद में नाभि अभ्यंग, यानी नाभि पर तेल लगाने की परंपरा बहुत पुरानी है। यह एक आसान और प्रभावी घरेलू उपाय है जिससे शरीर स्वस्थ रहता है। अलग-अलग मौसम और जरूरत के अनुसार अलग-अलग तेल का प्रयोग किया जाता है। ठंड के मौसम में सरसों का तेल लगाने से शरीर गर्म रहता है और सर्दी-जुकाम से बचाव होता है।
गर्मियों में नारियल तेल लगाने से त्वचा की नमी बनी रहती है और पाचन तंत्र संतुलित रहता है। नीम का तेल संक्रमण और फंगल इंफेक्शन से बचाव करता है। बादाम तेल त्वचा की चमक, हार्मोनल संतुलन और मानसिक शांति के लिए लाभदायक होता है, जबकि देसी गाय का घी पाचन सुधारने और नींद को गहरा करने में मदद करता है।
कुछ घरेलू नुस्खे भी बहुत उपयोगी हैं, जैसे नींद न आने पर रात को नाभि में घी की कुछ बूंदें डालना, सूखी त्वचा पर नारियल या बादाम तेल लगाना, पेट दर्द या गैस में हिंग और सरसों तेल का मिश्रण नाभि पर लगाना, तथा पीरियड्स के दर्द में गर्म घी या कैस्टर ऑयल लगाना।
--आईएएनएस
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